Wednesday, 30 November 2016

*विहार व प्रतिष्ठा कार्यक्रम*

लोकसंतश्री गच्छाधिपती श्रीमद्विजय जयंतसेन सूरीश्र्वर जी म सा जावरा मे भव्य दिक्षा,परिषद शपथ विधी कार्यक्रम,प्रतिष्ठा , जन्मोत्सव व श्री गुरु राजेन्द्रसूरी जयंतसेन विहार धाम के उद्घाटन कार्यक्रम मे निश्रा प्रदान कर *आज सुबह जावरा से विहार कर बडावदा नगर मे* 12 वर्षो बाद भव्य प्रवेश श्रीसंघ मे अपार उत्साह व गच्छाधिपती श्री के हाथो होगी अभिधान राजेन्द्र कोष की स्थापना है। गुरुदेव श्री, मुनिमण्डल व साध्वीमंडल बडावदा से 29 नवम्बर कोविहार कर बर्डिया गोयल नगरे पधारेगे जहॉ पर 29 नवम्बर से 2 दिसम्बर प्रतिष्ठा कार्यक्रम हेतु निश्रा प्रदान करेगे। *बर्डियागोयल गॉव मे 1दिसम्बर को प्रतिष्ठा होगी।* आचार्य श्री बर्डियागोयल गॉव से 2 दिसम्बर को सुबह विहार कर 3 दिसम्बर को पिपलौदा नगर मे भव्य प्रवेश व 5 दिसम्बर को प्रतिष्ठा महोत्सव कार्यक्रम मे निश्रा प्रदान करेगे।ब्रजेश बोहरा नागदा

30 दिसंबर तक पुराने नोटों को जमा कराने की समयसीमा नहीं बढ़ाई जाएगी

नई दिल्‍ली: सरकार ने कहा है कि वह इस महीने के अंत तक 500 और 100 रुपये के पुराने नोटों पर प्रतिबंध लगाने के अपने रुख पर कायम है. गैरकानूनी नोटों को बैंकों की शाखाओं मे में 30 दिसंबर तक जमा करा दिया जाना चाहिए. जिनके पास कालाधन है, उनके पास इसके खुलासे के लिए नया चांस है और उन्‍हें कर में रूप में 50 प्रतिशत देना होगा. काले या अघोषित धन पर सरकार द्वारा कर लगाने का नया प्रस्‍ताव कल लोकसभा में पास कर दिया गया.

-साल के अंत तक 500 और 1000 रुपये के सभी पुराने नोटों को जमा करा दिया जाएगा. एक अकाउंट में 2.5 लाख रुपये से अधिक जमाधन का टैक्‍स अधिकारियों द्वारा अध्‍ययन किया जाएगा. अब तक करीब 90 बिलियन डॉलर्स के पुराने नोटों को बैंकों में रखा गया हैं.

-सरकार ने कहा है कि खातों में किए गए कालेधन के खुलासे में राशि का 50 प्रतिशत कर और जुर्माना लगाया जाएगा.
प्रस्तावित संशोधित आयकर कानून में यह भी प्रावधान है कि घोषणा करने वालों को अपनी कुल जमा राशि का 25 प्रतिशत प्रधानमंत्री मंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) में लगाना होगा, जहां कोई ब्याज नहीं मिलेगा. साथ ही इस राशि को चार साल तक नहीं निकाला जा सकेगा.

-खुलासा राशि का शेष 25 प्रतिशत मालिक को तत्काल उपयोग के लिए उपलब्ध हो जाएगा.

-सरकार द्वारा प्रस्ताव किया गया है कि अगर लोग अपनी अघोषित नकद की घोषणा करते हैं, तो उन्हें कर एवं जुर्माने के रूप में 50 प्रतिशत देना होगा, जबकि ऐसा नहीं करने और पकड़े जाने पर 85 प्रतिशत कर एवं जुर्माना लगेगा.

-वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा आयकर कानून में संशोधन के लिए लोकसभा में कराधान कानून (दूसरा संशोधन) विधेयक 2016 सोमवार को पेश किया गया था जिसे मंगलवार यानी आज पास कर दिया गया है. अब यह बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा. राज्यसभा के पास 14 दिनों के भीतर इसे पास करने का विकल्प है. इस वक्त के बीतने के बाद यह पास ही माना जाएगा. हालांकि विधेयक पर चर्चा से पहले नोटबंदी के मुद्दे पर कार्यस्थगन के प्रावधान के तहत चर्चा शुरू कराने की मांग पर विपक्ष का विरोध जारी रहा.

-क्योंकि यह प्रस्ताव एक धन विधेयक है, लिहाजा राज्‍यसभा या उच्‍च सदन में, जहां सरकार अल्‍पमत में है, में बदलाव की मांग नहीं कर सकती.

Tuesday, 29 November 2016

बैंक से 24 हजार से ज्यादा निकाल सकेंगे कैश, लेकिन होगी ये शर्त

नई दिल्ली।मोदी सरकार की नोटबंदी की घोषणा के बाद पैसों की कमी से लोग परेशान हो रहे हैं। लोगों की इसी परेशानी को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने एक बड़ी राहत देते हुए बैंकों से निकासी की सीमा बढ़ा दी।
आरबीआई ने कहा है कि अब लोग हफ्ते में बैंकों से चेक के जरिए 24,000 रुपये से ज्यादा निकाल सकेंगे। हालांकि, 24,000 रुपये से अधिक की निकासी पर लोगों को 2000 और 500 के नोट मिलेंगे।
साथ ही आरबीआई ने 24 हजार से ज्यादा निकालने को लेकर एक शर्त भी लगा दी है। आरबीआई के मुताबिक वही रकम निकाली जा सकती है जो 29 नवंबर के बाद खाते में जमा हुआ हो, यानी 29 नवंबर से पहले जमा रकम पर निकासी की छूट नहीं मिलेगी, क्योंकि बहुत से खातों की जांच चल रही है।
माना जा रहा है कि सैलरी की तारीख नजदीक आने की वजह से आरबीआई ने चेक से निकासी पर छूट दी है। नोटबंदी के बाद से एक हफ्ते में अधिकतम 24 हजार रुपये निकासी की सीमा तय कर दी गई थी।
गौरतलब है कि देश में मोदी सरकार ने 8 नवंर को 500 औऱ 1000 रुपए के पुराने नोटों पर बैन लगा दिया था। उसके बाद से ही लोग पैसों की कमी से परेशान थे औऱ बैंकों और एटीएम के बाहर लाइन लगा कर खड़े हैं। उनकी इसी परेशानी को देखते हुए सरकार और आरबीआई ने कई नई घोषणाएं की है।

*विहार व प्रतिष्ठा कार्यक्रम*

*विहार व प्रतिष्ठा कार्यक्रम* लोकसंतश्री गच्छाधिपती श्रीमद्विजय जयंतसेन सूरीश्र्वर जी म सा जावरा मे भव्य दिक्षा,परिषद शपथ विधी कार्यक्रम,प्रतिष्ठा , जन्मोत्सव व श्री गुरु राजेन्द्रसूरी जयंतसेन विहार धाम के उद्घाटन कार्यक्रम व श्री अभिधान राजेन्द्र कोष की स्थापना कर बडावदा मे निश्रा प्रदान कर *आज श्री, मुनिमण्डल व साध्वीमंडल बडावदा से 29 नवम्बर सुबह विहार कर बर्डिया गोयल नगरे पधारेगे। जहॉ पर 29 नवम्बर से 2 दिसम्बर प्रतिष्ठा कार्यक्रम हेतु निश्रा प्रदान करेगे। *बर्डियागोयल गॉव मे 1दिसम्बर को प्रतिष्ठा होगी।* आचार्य श्री बर्डियागोयल गॉव से 2 दिसम्बर को सुबह विहार कर 3 दिसम्बर को पिपलौदा नगर मे भव्य प्रवेश व 5 दिसम्बर को प्रतिष्ठा महोत्सव कार्यक्रम मे निश्रा प्रदान करेगे।ब्रजेश बोहरा नागदा

Saturday, 26 November 2016

आज का संभावित राशिफल

मेष (Aries): गणेशजी कहते हैं कि आज आप सामाजिक तथा सार्वजनिक क्षेत्र में प्रशंसा के पात्र बनेंगे। धन लाभ का योग है। पारिवारिक जीवन में सुख और संतोष का अनुभव होगा।

वृषभ (Tauras): आपका आज का दिन आनंदपूर्वक बीतेगा, ऐसा गणेशजी कहते हैं। मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे। आपके कार्य निर्धारित रूप से योजना के अनुसार पूर्ण होंगे।
मिथुन (Gemini): आपको जीवनसाथी और संतानों के आरोग्य के लिए विशेष ध्यान रखने की चेतावनी गणेशजी देते हैं। किसी भी प्रकार के वाद-विवाद या बौद्धिक चर्चा से दूर रहिएगा।

कर्क (Cancer): ग्लानि से आज आपका मन व्यथित रहेगा ऐसा गणेशजी कहते हैं। प्रफुल्लितता, स्फूर्ति और आनंद का आज अभाव रहेगा।
सिंह (Leo): गणेशजी की कृपा से आज का दिन सुख-शांतिपूर्वक बीतेगा। अपने सहोदर के साथ सम्बंधों में निकटता का अनुभव आप करेंगे।

तुला (Libra): गणेशजी कहते हैं कि आप व्यवस्थित रूप से आर्थिक योजना बना सकेंगे। आज कोई सृजनात्मक प्रवृत्ति हो सकती है। आपकी सृजनात्मक शक्ति आज श्रेष्ठ रहेगी।

वृश्चिक (Scorpio): गणेशजी आज आपको दुर्घटना से बचने, शल्यचिकित्सा न करवाने एवं तकरार में न उतरने का सूचन करते हैं। बातचीत में किसी के साथ भ्रांति न हो इसका ध्यान रखिएगा।
धनु (Sagittarius): आज का दिन आपके लिए लाभकारी है ऐसा गणेशजी कहते हैं। गृहस्थ जीवन का संपूर्ण आनंद आप ले सकेंगे। मित्रों के साथ सुंदर स्थल पर प्रवास का आयोजन होगा।
मकर (Capricorn): आज आप को व्यापार-सम्बंधित कार्यों में लाभ होगा ऐसा गणेशजी कहते हैं। उगाही, प्रवास, आय आदि के लिए अच्छा दिन है। सरकार तथा मित्रों, सम्बंधियो से लाभ होगा।

कुंभ (Aquarius): आप का आज का दिन मिश्र फलदायी है ऐसा गणेशजी कहते हैं। शारीरिक रूप से आप को अस्वस्थता का अनुभव होगा। फिर भी आप मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे।

मीन (Pisces): गणेशजी आपको आज का दिन ईश्वरभक्ति और आध्यात्मिक प्रवृत्तियों में बिताने की सलाह देते हैं। आज के दिन आपको थोड़ी बहुत प्रतिकूलताओं का सामना करना पडे़गा।

*@....फिर रंग लाये पाली जिला कलेक्टर के सार्थक प्रयास....मुख्यमंत्री ने एक बार फिर किया पुरष्कृत*

सोने की परख जवेलरी ही करता है यह कहावथ एक बार फिर मुख्यमंत्री वशुन्धरा राजे सिंधिया और प्रदेश के मुख्य सचिव ने न्याय आपके द्वार अभियान में पाली जिले का चयन कर पाली जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम को आई पेड देकर कलेक्टर एस पी कॉन्फ्रेन्स में पुरष्कृत कर साबित कर दिया।
गौरतलब है की कार्यो के प्रति समर्पित सरकारी योजनाओ को योजना बंध तरीके से आम जन तक पहुचाने वाले *पाली जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम* बेहतर से बेहतर कार्य करने वाले अधिकारिकारियो की सूची में किसी परिचय के मोहताज नहीं ।
पाली जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम को उनके बेहतर कार्यो को लेकर पूर्व में भी राजस्थान की मुख्यमंत्री वशुन्धरा राजे सिंधिया सम्मानित कर चुकी है।
मुख्यमंत्री जी के इस पुरष्कार से प्रदेश में एक सन्देश जायेगा की लगन मेहनत व ईमानदारी से किया हुआ कार्य कभी व्यर्थ नहीं जाता...
मुख्यमंत्री की कलेक्टर एस पी कॉन्फ्रेन्स पाली जिले का नाम प्रदेश की सूची में अव्वल रखने और जिले के कार्यो और व्यवस्थाओ को बेहतर ढंग से मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पेश करने वाले पाली जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम और पाली जिला पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव जी

Friday, 25 November 2016

अब बैंक नहीं बदलेंगे पुराने 500 और 1000 रुपये के नोट, ये हैं बड़े ऐलान

नोटबंदी को लेकर सरकार ने कुछ अहम बदलाब किए हैं। अब कल बैंकों में 500 और 1000 के पुराने नोट नहीं बदले जाएंगे जबकि अस्पतालों, पेट्रोल पंपों, रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों पर अब 15 दिसबंर तक केवल 500 के पुराने नोट लिए जाएंगे। 1000 के नोट केवल बैंकों में जमा कराए जा सकेंगे, यह अब कहीं भी नहीं चल सकेंगे।

ये हैं वित्त मंत्रालय के 12 बड़े ऐलान:

1. जरूरी सेवाओं में अब केवल 500 के पुराने नोट लिए जाएंगे, यानी अब 1000 के नोट जरूरी सेवाओं में मिली छूट की जगह भी इस्तेमाल नहीं होगा.
2. 1000 के नोट अब केवल बैंक खाते में जमा होंगे.
3. बैंकों में अब शुक्रवार से पुराने 500 और हजार के नोट नहीं बदले जाएंगे.
4. अब लोग बैंकों में पुराने नोट केवल खाते में जमा कर पाएंगे.
5. अस्पताल, पेट्रोल पंप, मेट्रो और सरकारी ट्रांसपोर्ट में अब 15 दिसंबर तक केवल 500 के पुराने नोट लिए जाएंगे.
6. सरकारी स्कूलों में एक छात्र के फीस के तौर पर 2000 रुपये तक का भुगतान 500 के पुराने नोटों से किया जा सकेगा.
7. सेंट्रल और राज्य सरकार के कॉलेजों में भी फीस के तौर पर पुराने 500 के नोट 15 दिसंबर तक लिए जाएंगे.
8. प्री-पेड मोबाइल के 500 रुपये तक के टॉप-अप में पुराने 500 के नोट इस्तेमाल किए जाएंगे.
9. केंद्रीय भंडार से अब 5000 तक की ही खरीदारी पुराने नोटों से की जा सकेगी.
10. केवल बिजली और पानी के बिल अब 500 के पुराने नोटों से भरे जा सकेंगे.
11. 2 दिसंबर रात 12 बजे तक तभी टोल फ्री रहेंगे, लेकिन 3 से 15 दिसंबर तक 500 के पुराने नोटों से टोल टैक्स चुकाए जा सकेगा.
12. भारत आने वाली सैलानी अब हर हफ्ते 5000 रुपये तक करेंसी एक्सचेंज करा पाएंगे. हालांकि इसके लिए उन्हें जानकारी पासपोर्ट के साथ दर्ज करानी होगी. RBI इसके बारे में निर्देश जारी करेगा.

अहंकार हमें बड़ा नहीं बनाता बड़प्पन को कम कर देता है

सिपाहियों की एक टोली युद्ध क्षेत्र में में काम पर लगी थी। वह एक भारी-भरकम लट्ठे को उठाने का प्रयास कर रही थी ताकि उसकी मदद से किले की दीवार गिराई जा सके। बगल में एक नायक खड़ा था, वह सिपाहियों से दूर खड़ा उन्हें आदेश दे रहा था कि ऐसे नहीं वैसे उठाए, जरा और जोर लगाओ। इतने में एक अनजान घुड़सवार व्यक्ति वहां से गुज़रा। उसने नायक से पूछा, ‘क्या तुम्हें नहीं लगता कि यदि तुम भी उनकी मदद करो तो इस लट्ठ को उठाना आसान हो जाएगा/ क्यों नहीं तुम भी इन लोगों की मदद करते हो/’ नायक ने कहा, ‘यह मेरी जिम्मेदारी नहीं है। मैं एक नायक हूं। लट्ठ को उठाना उनका काम है। मेरा काम यह देखना है कि वे इसे ठीक से उठा रहे हैं या नहीं।’

यह सुनकर वह अनजान व्यक्ति घोड़े से उतरा और उन सिपाहियों की टोली के साथ मिल कर लट्ठ उठाने में जुट गया। एक अतिरिक्त व्यक्ति की ताकत जुड़ जाने से लट्ठ आसानी से उठा लिया गया। काम पूरा हो जाने के बाद वह अनजान व्यक्ति अपने घोड़े पर चढ़कर आगे बढ़ गया। लेकिन जाते-जाते उसने नायक की ओर मुड़कर कहा, ‘अगली बार, जब तुम्हें किसी लट्ठे को उठाने की ज़रूरत पड़े तो अपने सेनापति को बुला लेना।’ तब जाकर सिपाहियों को बोध हुआ कि वह अनजान व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि उनका सेनापति यानी जॉर्ज वॉशिंगटन था। यही जॉर्ज वॉशिंगटन बाद में अमरीका के प्रथम राष्ट्रपति बने।

यह कहानी सच्ची नम्रता की प्रतीक है। कई लोग ये सोचते हैं कि वे इतने महान हैं कि घर-गृहस्थी के दैनिक कार्य, श्रमिक वाले कार्य या अपने ऑफिस के पर्दे के पीछे के छोटे-छोटे कार्य नहीं कर सकते हैं। हम अपने आपको ऊंचा और महत्वपूर्ण समझते हैं। पर यह रोचक है कि हम सचमुच के महान व्यक्तियों के जीवन में अविश्वसनीय नम्रता पाते हैं जिससे वे निम्न श्रमिकों के साथ कार्य करने को तत्पर रहते हैं।

इस झूठे अंह को तोड़ना जितना जरूरी है उतना ही आसान भी। सच्चे मन से एक प्रयास करने और उस पर टिके रहने की जरूरत है बस। तरीका यह है कि जब भी मन में यह ख्याल आए कि कि हम महत्वपूर्ण हैं या अपना अहंकार बढ़ता प्रतीत हो तो उन महान व्यक्तियों के बारे में सोचने लग जाएं जो विनम्र होकर मानवता की सेवा में संलग्न रहे। कोई भी इतना महान नहीं होता कि वह अपने पड़ोसी का दुःख-दर्द नहीं बांट सकता।

हम कभी भी इतने महान नहीं होते कि किसी जरूरतमंद की ओर मदद का हाथ न बढ़ा सकें। आखिरकार, प्रभु हमें जिंदगी देता है। वही हमें वह बनाता है, जो हम हैं। अगर हम सेनापति के जैसे बन सकें और दूसरों की मदद के लिए अपने घोड़ों से उतर सकें तो पाएंगे कि प्रभु हम पर भरपूर आशीर्वाद बरसाने के लिए तैयार रहेंगे।

नोटबंदी से परेशान लोगों के लिए एक और बुरी खबर, 500 रुपए के नए नोट में सामने आई गड़बड़ी

नई दिल्ली
नोटबंदी के बाद नए 500 और 2000 के नोट बाजार में आ चुके हैं और चलन में हैं। इस बीच 500 रुपए के नए नोट में ऐसी गड़बड़ी सामने आई है जो सरकार के जाली नोट खत्‍म करने के मकसद पर पानी फेर सकती है।

जिले में इस साल अमेरिकी फसल किनोवा की खेती

पाली। प्रदेश में इस समय दक्षिण अमरीकी फसल किनोवा उगाने की पहल जोर पकड़ती जा रही है। पिछले साल चित्तौडग़ढ़ व जालोर में कुछ किसानों द्वारा इसकी सफलता पूर्वक खेती के बाद शासन ने भी इसे बढ़ावा देने का मन बना लिया है। सरकार के निर्देशानुसार कृषि विभाग ने हाल ही में जिले के किसानों को डेढ़ सौ छोटे थैले में भरे किनोवा के बीज वितरित किए। बीज प्राप्त करने वाले किसान कृषि अधिकारियों की देखरेख में इस बार इसकी खेती कर रहे हैं। किनोवा की फसल पर पिछले साल से जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय में शोध भी जारी है। डायरेक्टर रिसर्च बीआर चौधरी बताते हैं कि विश्वविद्यालय में हुए प्राथमिक परीक्षण में इसकी खेती राजस्थान की मिट्टी में सफल रही है। हालांकि इसके बाजार भाव का आकलन नहीं किया जा सका है। डॉ. चौधरी बताते हैं कि बाजार अगर सही मिले तो किसानों को वे अगले साल से इसकी खेती करने का सलाह देंगे।

उपवास में सेवन की सलाह
विशेषज्ञों के अनुसार इस फसल के बीज में सबसे ज्यादा प्रोटीन की मात्रा है। इसे देखते हुए वे इसे व्रत एवं उपवास में सेवन की सलाह दे रहे हैं। इनके अनुसार उपवास के समय जहां व्यक्ति को कम से कम अल्पाहार की आवश्यकता होती है, एेसे में इसके सेवन वे सूजी, सूप, दलिया और रोटी बना सकते हैं। इसके सेवन से शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषण मिल जाता है। इसे मरीजों के सेवन के लिए भी बेहतर बताया जा रहा है।

बुवाई में 2 से 4 किलो बीज पर्याप्त
पाली जिले के अधिकारी बताते हैं कि किनोवा के बीज छोटे व दानेदार होने के कारण बुवाई के लिए मात्र 2 से 4 किलो बीज की आवश्यकता होती है। वहीं 24 से 28 डिग्री सेल्सियस तापमान फसल वृद्धि के लिए उपयुक्त रहता है। थ्रेसिंग या हाथों से इसकी बीज की गहाई करते हैं और प्रति हेक्टेयर एक हजार से 1500 किलो तक उत्पादन किसान हासिल कर सकते है । विशेषज्ञों के अनुसार ये क्षारीय व बंजर जैसी भूमि में भी सिंचाई की व्यवस्था करके पैदा किया जा सकता है।

Thursday, 24 November 2016

महिला की 'गांधीगिरी', बैंकों में देती हैं 'गुलाब'

लखनऊ
नोटबंदी के बाद बैंकों में लगी भीड़ के बीच झगड़े, हाथापाई की खबरों के बीच एक 73 साल की महिला ने अनोखी मिसाल पेश की है। इस महिला ने दिन-रात काम कर रहे बैंक कर्मियों को लाल गुलाब देकर कई लोगों का सिर शर्म से झुका दिया।

लखनऊ के इंदिरानगर की रहने वाली सुधा सिन्हा ने एसबीआई बैंक के हर काउंटर पर जा जाकर बैंक कर्मियों के लाल गुलाब दिए। इस दौरान एक बैंक कर्मी ने ही विडियो बनाया और प्रशांत सिंह नाम के शख्स ने इंटरनेट पर अपलोड किया। इसके बाद महिला की यह पहल वायरल हो गई। बुधवार रात तक ही फेसबुक पर इस विडियो को 86 हजार व्यूज, 20 हजार शेयर और 9 हजार 200 लाइक मिल चुके थे। विडियो के आखिर में लाइन में खड़े बैंक कस्टमर्स महिला के लिए तालियां बजाते नजर आ रहे हैं।

सुधा सिन्हा ने कहा 'मैं लगातार नोटबंदी के बारे में पढ़ रही थी और टीवी पर देख रही थी। मुझे एहसास हुआ कि इन सब में बिना किसी गलती के बैंक कर्मियों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। जिन्हें कई घंटों तक लगातार काम करना पड़ रहा है और कई ग्राहकों के बुरे बर्ताव को भी झेलना पड़ रहा है।'

लाइब्रेरियन रह चुकी सुधा सिन्हा ने कहा 'बैंकों को बहुत ज्यादा काम करना पड़ रहा है। हम ग्राहक के तौर पर लाइन में खड़े होते हैं, अपना पैसा लेते हैं और वापस चले जाते हैं लेकिन बैंक कर्मी लगातार कई घंटों तक बैठकर काम करते हैं और कई ऐसे ग्राहकों का सामना भी करते हैं जो गुस्से से भरे पड़े हैं।'

सुधा सिन्हा बोलीं 'मैंने सारे गुलाब के फूल दे दिए। मैंने बैंक के बाहर खड़े दो गार्डों को भी फूल दिए। बैंक कर्मियों के चेहरे पर मुस्कुराहट देखकर मुझे अच्छा लगा।' सिन्हा ने कहा कि वह बैंक कर्मियों को इंसेटिव देना चाहती थी, उन्हें प्रोत्साहित करना चाहती थीं।

आज आधी रात से यहां नहीं चलेंगे 500, 1000 के पुराने नोट


नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर की रात 8 बजे जब 500 और 1,000 रुपये के नोटों को बंद करने का ऐलान किया था। तब कुछ-कुछ जगहों को अपवाद की सूची में भी रखा गया था। इनमें ज्यादातर सरकारी सेवाएं शामिल थीं, जिनके लिए लोग लोग पुराने नोट दे सकते थे। लेकिन, आज 24 नवंबर की आधी रात से इन जगहों पर भी पुराने नोट नहीं लिए जाएंगे, बशर्ते सरकार इसकी मियाद नहीं बढ़ाए। इसके बाद आप दो हजार और पांच सौ रुपये के नए नोटों और 100 और उससे नीचे के छोटे नोटों से ही भुगतान कर पाएंगे। हालांकि, उन जगहों पर आप क्रेडिट/डेबिट कार्ड और अन्य डिजिटल तरीकों से भी भुगतान कर सकते हैं, जहां इनकी सुविधा हो। वहीं, किसानों को 500 रुपये के पुराने नोटों से बीज खरीदने की छूट मिली रहेगी। हालांकि, पुराने नोटों को आप 30 दिसंबर तक अपने अकाउंट में जमा करा सकते हैं।
आधी रात से कहां-कहां नहीं लिए जाएंगे पुराने नोट
सरकारी अस्पताल, दवा दुकान, पेट्रोल पंप, बिजली-पानी बिल, ट्रेन, हवाई जहाज और मेट्रो टिकट, रेलवे कैटरिंग और स्मारकों के टिकट, दूध केंद्र, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, शवदाह गृह और कब्रिस्तान, स्थानीय निकायों के पेंडिंग बिल या टैक्स, कोर्ट फी, सहकारी स्टोर।

Wednesday, 23 November 2016

राजस्थान में कालेधन को सफ़ेद करने के मामले में सबसे बड़ी कार्रवाई, 11 सरकारी कर्मचारियों पर गिरी गाज

जयपुर।
जयपुर सिटी ट्रासंपोर्ट सर्विस लिमिटेड ने नोटबंदी के बाद कानेधन को सफेद बनाने में जुटे डिपो के तीन कर्मचारियों को निलंबित करने सहित 11 लोगों के खिलाफ कार्यवाही की है।
जेसीटीएसएल महाप्रबंधक आकांक्षा चौधरी ने यहां बताया कि एक महिला परिचालक की शिकायत पर विद्याधर नगर और सांगानेर डिपो पर की गई जांच में यह खुलासा होने के बाद यह कार्रवाई की गई है।
उन्होंने बताया कि महिला परिचालक ने शिकायत की थी कि किराए के रूप में छोटी राशि जमा कराने के बावजूद डिपो केशियर द्वारा पांच सौ और हजार रूपये जमा कराने का दवाब बनाया जाता है जबकि उसने किराए के तौर पर प्राप्त 5, 10, 20, 50 और 100 रूपए की राशि जमा कराई है।
उन्होंने बताया कि इस शिकायत की विभाग और भ्रष्टाचार विभाग द्वारा जांच की गई। जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद विद्याधर नगर के तीन कर्मचारियों को निलंबित किया गया है तथा तीन अन्य को आरोप पत्र दिए गए है। इसके अलावा सांगानेर डिपो में कार्यरत 5 कर्मचारियों को उनके मूल विभाग में भेजने के आदेश कर दिए गए है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान रोडवेज के प्रबंधन से इन कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की अनुशंसा की गई है। कर्मचारियों द्वारा नोटबंदी के बाद तीन दिनों तक किराए के रूप में छोटे नोटों में आने वाली राशि को बडे नोटों में बदलने का कार्य किया गया।
इस दौरान कर्मचारियों द्वारा विद्याधर नगर डिपो में चार लाख और सांगानेर नगर डिपो से आठ लाख रूपये के छोटे नोटों को बडे नोटों में बदला गया था। उन्होंने दावा किया कि नोटो की अदला बदली का यह काम 11 नवम्बर तक ही हुआ था। सांगानेर डिपो में हुई हेराफेरी के संबंध में दस्तावेजों की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा की जा रही है ।

*परिषद् परिवार के लिये विशेष सूचना* 👉🏾 *दीक्षा महोत्सव कल* .

*परिषद् परिवार के लिये विशेष सूचना* 👉🏾 *दीक्षा महोत्सव कल* . लोकसंत गच्छाधिपति दिक्षाादानेश्वरी, श्रीमद्विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी महाराज साहब जी "मधुकर" की निश्रा मे जावरा नगर मे दीक्षा महोत्सव जिसमे परिषद् परिवार की शान वेराग्य की ओर अग्रसर. *अ.भा.महिला परिषद् की शिक्षा मंत्री कुक्षी निवासी मुमुक्षु सुश्री सविता बहन* (माताजीनिर्मलाजी व पिताजी स्व.सुगंधीलालजी) की दिक्षा 23 नवम्बर सुबह है आप सभी से निवेदन हे आप सभी श्रीसंघ व सभी शाखा परिषद् परिवार के सदस्यो की उपस्थिती प्राथर्नीय है। 🙏🏾अभा श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक , महिला ,बालिका, तरुण परिषद् परिवार विशेष निवेदन करता है।श्रीसंघ जावरा की आज्ञा से। ✍🏽ब्रजेश बोहरा नागदा

नोटबंदी को सर्जिकल स्ट्राइक न कहें, ये लड़ाई की शुरुआत हैः मोदी

नई दिल्ली. नोटबंदी के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे और चर्चा को लेकर गतिरोध के बीच भाजपा संसदीय दल ने एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित करके कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ महायुद्ध छेड़ने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी को बधाई दी। इस बैठक के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी भावुक हो गए और उन्होंने भाजपा सांसदों से कहा कि नोटबंदी को सर्जिकल स्ट्राइक न कहें। यह जनहित में लिया गया फैसला है।
इंडिया टुडे की खबर के अनुसार, मोदी ने भाजपा संसदीय दल की बैठक में पार्टी नेताओं को भी संबोधित किया। मोदी ने कहा, बड़े नोटों को अमान्य करने का कदम कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी मजबूत एवं सतत लड़ाई की शुरुआत है।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कहा कि बड़े नोटों को अमान्य करने का निर्णय अंत नहीं बल्कि कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत और सतत लड़ाई की शुरूआत है। संसदीय पार्टी की बैठक में भाजपा के सभी सांसदों को बुलाया गया था ताकि नोटबंदी के विभिन्न आयामों के बारे में उन्हें बताया जा सके।
बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि विपक्ष संसद की कार्यवाही बाधित कर रहा है और चर्चा से भाग रहा है। उन्हें (विपक्ष) यह तय करना चाहिए कि कालाधन की बुराई के खिलाफ लड़ाई में वे किस ओर खड़े हैं।
उन्होंने कहा, इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर इन दलों को यह तय करना चाहिए कि वे किधर खड़े हैं। क्या वे ऐसे लोगों के साथ खड़े हैं जो कालेधन की जमाखोरी कर रहे हैं या उनका संरक्षण कर रहे हैं।
इस बैठक के दौरान नोटबंदी पर पारित किए गए प्रस्ताव में कहा गया है, हम प्रधानमंत्री को ऐतिहासिक, साहसी, गरीबोन्मुखी और राष्ट्र के हित में लिये गए इस निर्णय के लिए बधाई देते हैं।


सरकार का बड़ा ऐलान- डेबिट कार्ड पर नहीं लगेगा सर्विस चार्ज, ई वॉलेट की लिमिट हुई डबल

वित्त सचिव शक्तिकांत दास ने बुधवार को नोटबंदी के चलते ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े ऐलान किए. उन्होंने कहा कि अब डेबिट कार्ड इस्तेमाल करने पर सर्विस चार्ज नहीं लगेगा. सरकार इसे हटा रही है. रुपे कार्ड पर भी चार्ज हटाया जा चुका है.
दास ने बताया कि ई वॉलेट से भी सरकार स्विचिंग चार्ज हटा चुकी है और 31 दिसंबर तक ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुकिंग पर भी सर्विस चार्ज हटाया जा चुका है. दास ने ये भी बताया किसानों तक फंड पहुंचाने के लिए नाबार्ड जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को 21 हजार करोड़ रुपये जारी कर चुका है और नाबार्ड के जरिए किसानों को पैसा दिया जाएगा.
दास ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और कुछ निजी बैंक 31 दिसंबर तक डेबिट कार्ड के प्रयोग पर सर्विस टैक्स हटाने को राजी हो गए हैं. उन्होंने बताया कि फीचर फोनों से किए जाने वाले सभी डिजिटल लेन-देन 31 दिसंबर तक सर्विस टैक्स से मुक्त रहेंगे.
ई-वॉलेट की लिमिट डबल
वित्त सचिव ने ये भी कहा कि सभी सरकारी संगठनों, सार्वजनिक उपक्रमों और सरकारी एजेंसियों को सलाह दी गई है कि वेतन देने और अन्य खर्चों के लिए डिजिटल भुगतान का इस्तेमाल करें. रिजर्व बैंक ने कैश वॉलेट की लिमिट भी दोगुनी कर अब 20 हजार रुपये कर दी है.

अज्ञात लोगों ने खेत में पानी छोड़ा, फसल बर्बाद

देसूरी। कस्बे के लाम्पी रोड स्थित गोचर भूमि के निकट एक खेत में अज्ञात लोगों ने हरिओम सागर बांध के नहरी पानी को नाली द्वारा देर रात छोड दिया। जिससे आठ बीघा खेत के करीबन तीन बीघा जमीन में पानी फैल गया। इससे पूर्व रविवार शाम सात बजे तक श्रीमती विमला पत्नी मदनलाल प्रजापत ने इस खेत को ग्यारह हजार रुपए के मकोदे पर फसल बोने को लिया था। रविवार को विमला द्वारा खेत में टै्रक्टर से खड़ाई कर महंगे दाम से खरीदे चने के बीज भी बो दिए गए।
मगर अज्ञात लोगों द्वारा रविवार देर रात ही इस खेत में हरिओम सागर बांध के नहरी पानी को गुपचुप छोड़ दिया गया। जिससे करीबन तीन बीघा जमीन में फैले पानी से अब चने की फसल तैयार नहीं होगी। अज्ञात लोगों द्वारा खेत में पानी छोड़े जाने से गरीब विमला की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। विमला ने बताया कि उसने पिछले कई महिनों से पेट काटकर पाई-पाई जुटाकर चने की फसल बोने की तैयारी की थी। मगर अज्ञात लोगों द्वारा उसे 15 से 20 हजार रुपए का नुकसान पहुंचाया गया है।

नहरी पानी की किल्लत, फिर भी बर्बाद किया पानी
सोमवार सवेरे जब विमला खेत पर गई, तब उसने अपने खेत में पानी भरा पाया। जिससे उसके होश उड़ गए। फसल पैदा होने से पहले ही बर्बाद हो गई। जबकि खेतों में नहरी पानी की पाण को लेकर किसान अपनी अपनी बारी का इंतजार करते हैं। फिर किसने इस पानी को बर्बाद किया। स्थानीय कई किसानों का कहना है कि बांध से पानी छोडऩे व प्रत्येक खेत के किसान को पाण देने का जिम्मा बांध के अध्यक्ष का रहता है। फिर विमला के खेत में बांध का पानी कैसे पहुंचा और किसने पहुंचाया। क्योंकि विमला का खेत नहरी खालीए के अंतिम छोर पर मौजूद है। इसके बीच कई किसानों के खेत आते हैं।

PALI: किसान का कमाल, ढाई सौ बीघा बंजर जमीन पर नीम की खेती और कमाई दस करोड़ रुपए

पाली.
जेहन में खेती करने का जोश, जुनून और जज्बा हो तो कुछ भी मुश्किल नहीं होता। पाली जिले के सुमेरपुर के अशोक खत्री ने यहां बेड़ा गांव में पहली बार ब्रह्मा डेक नीम के पेड़ों की खेती कर इसे सही साबित किया है। खत्री ने सात साल पहले 2009 में यहां 250 बीघा जमीन पर नीम (ब्रह्मा डेक) की खेती की और आज यहां हजारों नीम के पेड़ लहलहा रहे हैं। दो साल बाद यानी 2018 में इन पेड़ों से करीब दस करोड़ की कमाई होनी तय है। खत्री का मानना है कि बंजर से बंजर जमीन पर भी इसकी खेती आसानी से की जा सकती है और उस जमीन से लाखों-करोड़ों रुपए कमाए जा सकते हैं। बस, इसके लिए आपको नौ साल इंतजार करना पड़ता है। कारण कि इस खेती की अवधि नौ साल की होती है। फिलहाल खत्री जिले के अन्य किसानों को भी इस तरह की खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं ताकि बंजर या नाकार पड़ी जमीन वाले किसान भी लाखों रुपए कमा सकें।

ऐसे होती है खेती
ब्रह्मा डेक नीम की खेती को वन खेती कहा जाता है। यह अच्छी से लेकर बंजर जमीन पर भी आसानी से की जा सकती है। इस खेती की अवधि नौ साल है। एक बीघा जमीन में 215 पेड़ लगते हैं। बुवाई के दौरान पेड़ों की आपस में दूरी 9 फीट रखनी होती है। गर्मी में दस दिन में एक बार पानी देना होता है। वे बूंद-बंूद सिंचाई पद्धति का उपयोग करते हैं। इससे पानी की बर्बादी नहीं होती। बिजली की खपत भी कम होती है। ऐसी पद्धति से बिजली और पानी दोनों की 50 से 60 प्रतिशत बचत होती है। बरसात और सर्दी के मौसम में इनको पानी की खास आवश्यकता नहीं रहती।

ऐसे होती है कमाई

ब्रह्मा डेक नीम की पत्तियों से लेकर जड़ तक सभी से कमाई होती है। पत्तियों को सूखाकर आयुर्वेदिक चिकित्सा के काम में लिया जाता है। इन पत्तियों को त्वचा की दवाएं बनाने वाली कम्पनियां अच्छे दामों में खरीदती हैं। छाल भी आयुर्वेदिक कार्यों में आती है। तना मोटा होने के कारण इमारती लकड़ी के काम आता है। इसके भी अच्छे दाम मिलते हैं। पेड़ की अन्य छोटी-मोटी टहनियां (लकडिय़ां) भी 12 रुपए किलो के भाव से बिकती है। अशोक खत्री के अनुसार एक पेड़ से कम से कम 18 से 20 हजार रुपए की कमाई होती है। यानी सिर्फ एक बीघा जमीन से करीब 4 लाख रुपए की कमाई हो जाती है। बकौल खत्री 'मुझे नीम की खेती किए सात साल बीत गए हैं, कभी कोई दिक्कत नहीं आई और आगे भी दो साल तक यदि सबकुछ ठीकठाक रहा तो 250 बीघा में की गई इस खेती से करीब 10 करोड़ की कमाई हो जाएगी।

नुकसान कुछ नहीं, फायदे अनेेक
ब्रह्मा डेक नीम के दो पेड़ों के बीच नौ फीट की दूरी रखनी पड़ती है। पेड़ों के बीच वाली जगह पर दूसरी खेती भी की जाती है। जैसे सब्जी वगैरह। सब्जी को गर्मी से बचाव के लिए आपको अलग से ग्रीन हाउस बनाने की आवश्यकता नहीं रहती। कारण कि तीन साल की उम्र में ये पेड़ खुद ग्रीन हाउस में तब्दील हो जाते हैं। इस पेड़ों को जानवरों से बचाने की भी जरूरत नहीं है। कारण कि जानवर भी इस पेड़ को नहीं खाते हैं।

जानकार बताते हैं
जानकार बताते हैं कि ब्रह्मा डेक नीम की खेती करने से पहले आपको गिरदावरी के समय इस खेती का उल्लेख करवाना पड़ता है, उसके बाद ही आप इस तरह की खेती कर सकते हैं। ऐसी खेती करने वाले किसानों को इन पेड़ों को काटने के लिए किसी तरह के सरकारी इजाजत नहीं लेनी पड़ती। किसान जब चाहे इन पेड़ों को बगैर किसी इजाजत के काट सकता है।

ब्रह्मा डेक नीम की एक प्रजाति
ब्रह्मा डेक नीम की ही एक प्रजाति का नाम है। कोई भी किसान अपने खेत में इस तरह की खेती कर सकता है। इससे पर्यावरण भी शुद्ध रहता है।

Tuesday, 22 November 2016

7.4 तीव्रता के भूकंप से थर्राया जापान, फुकुशिमा से टकराई सुनामी की लहरें

टोक्‍यो
उत्तरी जापान में स्‍थानीय समयानुसार मंगलवार सुबह 5.59 मिनट पर रिक्‍टर पैमाने पर 7.4 तीव्रता का जबर्दस्‍त भूकंप आया।
जापान की मौसम एजेंसी ने इसकी पुष्टि की। इससे एक मीटर ऊंची सुनामी लहरें फुकुशीमा के तट पर उठती देखी गईं। यहीं पर फुकुशीमा परमाणु प्‍लांट भी स्थित है।
अधिकारियों के अनुसार समुद्र की एक मीटर ऊंची लहरें तट के निकट इस प्‍लांट से टकराई हैं, हालांकि इससे अभी तक कोई नुकसान नहीं हुआ है। सरकारी मीडिया ने स्‍थानीय लोगों को तत्‍काल यहां से ऊंचे स्‍थानों पर जाने के लिए कहा है।
सरकारी मीडिया की स्‍क्रीन पर लाल अक्षरों में सुनामी, भागो जैसे शब्‍दों वाली चेतावनी दी जा रही है। गौरतलब है कि वर्ष 2011 में भी जापान में शक्तिशाली भूकंप और सुनामी आई थी। उस वक्‍त सर्वाधिक तबाही सुनामी की वजह से हुई थी और 18 हजार से अधिक लोगों की जानें चली गई थीं।

टोक्यो तक महसूस हुए भूकंप के झटकेमीडिया रिपोर्ट के अनुसार उत्तरी-पूर्वी तटीय इलाकों में कई अन्‍य जगहों पर सुनामी लहरें टकराई हैं। इनमें सर्वाधिक ऊंचाई 1.4 मीटर तक थी। इससे पहले यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) ने भूकंप के केंद्र फुकुशीमा तट के पास 11.3 किमी गहराई पर इसकी तीव्रता 6.9 आंकी थी। शुरुआत में मौसम एजेंसी ने इसकी तीव्रता 7.3 आंकी लेकिन बाद में इसे अपग्रेड कर 7.4 कर दिया गया। भूकंप के झटके टोक्‍यो तक महसूस किए गए।

सबसे सक्रिय सीस्मिक क्षेत्रों में शुमार
गौरतलब है कि मार्च, 2011 में यहां आए भूकंप और सुनामी के चलते टेप्‍को का डायची परमाणु प्‍लांट बुरी तरह प्रभावित हुआ था। जापान दुनिया के सबसे सक्रिय सीस्मिक क्षेत्रों में शुमार है। इसलिए यहां अक्‍सर भूकंप आते रहते हैं। दुनिया में 6 या उससे अधिक तीव्रता के अब तक आए सभी भूकंपों में अकेले जापान की हिस्‍सेदारी करीब 20 प्रतिशत है।

नोटबंदी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एप पर लोगों से मांगे विचार

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के विरोध के बीच आज लोगों से कहा कि वे उनके एप के जरिए नोटबंदी पर अपने विचारों से सीधे उन्हें अवगत कराएं. उन्होंने जनता से सर्वेक्षण में शामिल होने को कहा जिसमें 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद किये जाने के संबंध में कई सवाल दिये गये हैं. मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘नोट बंद किये जाने से संबंधित फैसले पर मैं आपकी राय जानना चाहता हूं. एनएम एप पर सर्वेक्षण में भाग लीजिए.'
प्रधानमंत्री द्वारा रखे गये सवालों में ‘क्या आपकी कोई सलाह...विचार या राय है जो आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साझा करना चाहेंगे' जैसे सवाल शामिल हैं. कुछ अन्य सवालों में कहा गया है कि ‘क्या आपको लगता है कि भारत में काला धन है. क्या आपको लगता है कि भ्रष्टाचार और काले धन की बुराई से लड़े जाने और इन्हें उखाड़ फेंकने की आवश्यकता है. आप 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद किये जाने के सरकार के कदम के बारे में क्या सोचते हैं.'
लोगों के विचार मांगने का प्रधानमंत्री का कदम ऐसे समय आया है जब विपक्ष ने नोटबंदी के मुद्दे पर सरकार पर हमला तेज कर दिया है.

*परिषद् परिवार के लिये विशेष सूचना* 👉🏾 *दीक्षा महोत्सव कल*

*परिषद् परिवार के लिये विशेष सूचना* 👉🏾 *दीक्षा महोत्सव कल* . लोकसंत गच्छाधिपति दिक्षाादानेश्वरी, श्रीमद्विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी महाराज साहब जी "मधुकर" की निश्रा मे जावरा नगर मे दीक्षा महोत्सव जिसमे परिषद् परिवार की शान वेराग्य की ओर अग्रसर. *अ.भा.महिला परिषद् की शिक्षा मंत्री कुक्षी निवासी मुमुक्षु सुश्री सविता बहन* (माताजीनिर्मलाजी व पिताजी स्व.सुगंधीलालजी) की दिक्षा 23 नवम्बर सुबह है आप सभी से निवेदन हे आप सभी श्रीसंघ व सभी शाखा परिषद् परिवार के सदस्यो की उपस्थिती प्राथर्नीय है। 🙏🏾अभा श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक , महिला ,बालिका, तरुण परिषद् परिवार विशेष निवेदन करता है।श्रीसंघ जावरा की आज्ञा से। ✍🏽ब्रजेश बोहरा नागदा

J&K: बांदीपुरा में दो आतंकी मारे गए, 2000 के नए नोट और हथियार बरामद

श्रीनगर.नॉर्थ कश्मीर में मंगलवार को बांदीपुरा जिले में सिक्युरिटी फोर्सेस और आतंकवादियों के बीच एनकाउंटर में दो आतंकी मारे गए। इनके पास से 2000 के नए नोट मिले हैं। इसके अलावा भारी तादाद में हथियार भी बरामद किए गए हैं। वहीं, आरएसपुरा सेक्टर में जवानों ने एक घुसपैठिया को ढेर कर दिया है। दोनों जगहों सिक्युरिटी फोर्सेस ने सर्च ऑपरेशन चला रखा है। आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी...
- न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, बांदीपुरा जिले के गोरीखान गांव में आतंकवादियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद सिक्युरिटी फोर्सेस और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम ने देर रात से ज्वाइंट सर्च ऑपरेशन चला रखा था।
- इसी दौरान आतंकवादियों और जवानों के बीच फायरिंग हुई। इसमें जवानों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया। आतंकवादियों की पहचान की जा रही है।
2000 के नए नोट और हथियार बरामद
-इन दोनों आतंकवादियों के पास से 2000 के नए नोट बरामद हुए हैं। इसके अलावा भारी कैश भी मिला है। वहीं, हथियार भी बरामद किए गए हैं।
आरएसपुरा में एक घुसपैठिया मारा गया
- आरएस पुरा सेक्टर में इंटरनेशल बॉर्डर पर बीएसएफ के जवानों ने मंगलवार को एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को ढेर कर दिया।
- बीएसएफ प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी को बताया- "सुबह के वक्त पाकिस्तान से एक संदिग्ध शख्स ने सीमा पार की और कोहरे का फायदा उठा कर वह आरएस पुरा सेक्टर में तारबंदी के निकट पहुंच गया।"
- बीएसएफ के जवानों ने पहले उसे वॉर्निंग दी। जब वॉर्निंग का कोई असर नहीं दिखा, तब जवानों ने उस पर गोलियां चलाईं, जिसमें उसकी मौत हो गई।"
- बीएसएफ ने बताया कि इस पूरे इलाके में सर्च अभियान चलाया जा रहा है।

Monday, 21 November 2016

नोटबंदी: किसानों को राहत, 500 के पुराने नोट से खरीद सकेंगे बीज

नई दिल्ली।
अब सरकारी दुकानों पर 500 के पुराने नोट से बीज खरीद सकेंगे किसान नई दिल्ली। आरबीआई के ताजा निर्देशों के अनुसार अब 500 के पुरानों नोट से भी किसान राज्य और केंद्र के स्टोरों से बीज खरीद सकते हैं। किसानों के सामने आ रही परेशानी को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने किसानों को राहत देते हुए 500 के पुराने नोटों से बीज खरीदने की छूट दे दी है।
आरबीआई के मुताबिक, किसान बीज खरीदने के लिए पुराने नोट इस्तेमाल कर सकते हैं। यद्य​पि इसके लिए किसानों को अपना पहचान पत्र दिखाना होगा। हालांकि ये सुविधा निजी दुकानों पर नहीं मिलेगी। 500 के ये पुराने नोट बीज की सरकारी दुकानों पर ही चलेंगे। बीज की निजी दुकानों पर ये नोट नहीं चलेंगे।
पहले वित्त मंत्रालय ने नकार दी किसानों की मांग बता दें कि कुछ समय पहले कृषि मंत्रालय ने किसानों को बीज खरीदने के लिए पुराने नोटों के इस्तेमाल की इजाजत की मांग की थी, लेकिन वित्त मंत्रालय ने इसे मांग को नकार दिया था।
लेकिन राज्यों के वित्त मंत्रियों के लगातार बढ़ते दबाव और किसानों को लगातार हो रही परेशानी को देखते हुए अब ये फैसला लिया गया है। बुवाई के मौसम में किसानों को हो रही थी परेशानी दरअसल गेंहू की बुवाई का समय होने के चलते किसानों को नोटबंदी से भारी परेशानी हो रही थी। 
विपक्ष भी लगातार किसानों की समस्या के लिए सरकार पर निशाना साध रहा था। इसी को देखते हुए किसानों को पुराने 500 के नोट से बीज खरीदने की छूट दी गई है।

साहित्य कला मंच द्वारा विख्यात कवि व मंच सम्राट श्री युगराजजी जैन ‘निराला’ पुरस्कार से सम्मानित

मुंबई/गोडवाड ज्योती: मुंबई की कला को समर्पित प्रतिष्ठित धार्मिक-सामाजिक संस्था साहित्य कला मंच द्वारा ११ दिवसीय श्री रामलीला महोत्सव संस्थाध्यक्ष एड. सुशील न्यास की अध्यक्षता, महामंत्री गोपीनाथ मिश्रा के निर्देशन, समाजसेवी प्रवीण अग्रवाल के संयोजन, कार्याध्यक्ष पवन खेतान एवं पवन कुमार के सान्निध्य, वृदावन निवासी लेखराज शर्मा व उनकी मंडली के संचालन में रावण के पुतले का दहन एवं रामराज्य की आकर्षक झांकी के साथ आजाद मैदान में यादगार रूप से संपन्न हुआ। यह ३७ वाँ रामलीला महोत्सव अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन प्रेरणा स्रोत एवं अग्रदूत की उपाधी से अलंकृत उदेश अग्रवाल के संयोजन, काव्य सारथी युगराज जैन के संचालन, संस्था के चेअरमैन देवकीनंदन बूबना की प्रेरणा एवं कविवृंदों-कवियत्री के काव्य पाठ और दर्शकों व काव्यप्रेमी श्रोताओं की तालियों से यादगार बन गया। कवि सम्मेलन का उद्धाटन उद्योपति वं समाजसेवी विश्वनाथ भरतिया ने फीता काटकर, समाजसेवी एवं बिल्डर लक्ष्मीनारायण अग्रवाल (मन्नू सेठ) ने दीप प्रज्वलित कर तथा समाजसेवी एवं बृजमंडल मुम्बई के ट्रस्टी कानबिहारी अग्रवाल ने मां सरस्वती को मल्यार्पण कर किया।
इस अवसर पर कोषाध्यक्ष अनिल आर. अग्रवाल एवं भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला के सानिध्य में अतिथि विशेष दीपक बूबना ने स्मारिका का विमोचन किया। प्रतिवर्ष दिये जाने वाला स्व. रामगोपाल शर्मा (शेर-ए-शेखावटी) द्वारा प्रारंभ किया गया ‘निराला’ पुरस्कार इस वर्ष विख्यात कविवर व मंच सम्राट श्री युगराजजी जैन को उद्योगपति रमन अग्रवाल, अमरीशचंद अग्रवाल, विधायक राज के. पुरोहित, एड. अशोक सारवगी, की उपस्थिति में ससम्मान प्रदान किया गया। इस अवसर पर महेश वोरा, जगदीश गुप्ता, गोपालदास गोयल, बृजमोहन अग्रवाल, भगवती आर. अग्रवाल आदि उपस्थित थे। इस आयोजन को मुख्य रूप से समाजसेवी एवं उद्योगपति काशीनाथ गाडिया, किशोर प्रवेश अग्रवाल, राजकुमार अग्रवाल, मदनलाल धानुका, नवनीत शांतिकुमार सोयलका, आत्माराम सिंघानिया का सहयोग रहा। विनय मिश्रा द्वारा कार्यक्रम का संचालन व अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया। कवि सम्मेलन के मुख्य आकर्षण में सुप्रसिद्ध अभिनेत्री रानी चटर्जी व अन्य फिल्म स्टार ने उपस्थित होकर कार्यक्रम की गरिमा प्रदान की।

जनता की पुकार द्वारा 38वाँ अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन 2016 को भी प्राप्त हुआ जनता का भरी प्रतिसाद

मुंबई/गोडवाड ज्योती: महानगर मुंबई की व्यस्तताओं में अपनी अलग पहचान चिन्हित करती प्रमुख समाजिक व साहित्यिक संस्था जनता की पुकार द्वारा विजयादशमी के शुभ अवसर पर गिरगाँव चौपाटी पर निर्मित नमामि गंगे नगर में 38वाँ अखिल भारतीय कवि सम्मेलन भारी जोश और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। संस्थाध्यक्ष श्री कैलाश अग्रवाल ने बतलाया कि इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस विशेष रूप से पधारे और कवि सम्मेलन का भरपुर आनंद भी लिया। कवि सम्मेलन में वीररस की कवियित्रि सुश्री कविता तिवारी ने रंग जमा दिया। साथ में इसी क्रम में कवि गौरव चौहान ने भारत माता की जय कविता में बहुत ताली बटोरी। हास्य और व्यंग के कवि महेश दुबे ने अच्छा मनोरंजन किया। कवि सम्मेलन में आने वाले सभी काव्य प्रमियों को जलपान, शरबत के साथ गंगाजल से तिलक लगाकर स्वागत किया गया। स्वागत की व्यवस्था कवि सम्मेलन के संयोजक विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा द्वारा की गई थी। कवियों में विशेष रूप से श्रीमती मंजू लोढा ने सैनिकों की वीरगती वाली कविता सुनाकर सभी को भाव विभोर कर दिया। कवि सम्मेलन का उदघाटन दिलीप लाखी ने किया। श्री आदर्श रामलीला समिति के अध्यक्ष श्री शरण खन्ना कार्यक्रम के स्वागताध्यक्ष तथा समारोह अध्यक्ष श्री देशबंधू कागजी थे। इस अवसर पर जनता की पुकार की ओर से मुख्यमंत्री के हाथों 5 लाख रूपये का चेक श्रीहरि सत्संग समिति के अध्यक्ष विनोद लाठ को संस्था ने दिया।

श्री नाकोड़ा पूर्णिमा मंडल द्वारा एक शाम नाकोड़ा भैरव के नाम भक्ति संध्या संपन्न

उदयपुर/गोडवाड ज्योती: श्री नाकोड़ा पूर्णिमा मंडल के तत्वावधान में ६ नवम्बर को टाउनहॉल में एक शाम नाकोड़ा भैरव के नाम भक्ति संध्या का आयोजन प.पु. सुधर्मसागरजी म.सा. की पावन निश्रा में किया गया। विदित हो कि पूजन से दो दिवस पूर्व मुख्य अतिथि महापौर चन्द्रसिंह कोठारी सहित मण्डल के सदस्यों द्वारा भूमि पूजन किया गया था। तत्पश्चात ४०००० स्क्वायर फीट के पांडाल निर्माण का कार्य प्रारम्भ किया गया। इस भक्ति संध्या में देश के विभिन्न शहरों से हजारों भैरव भक्तों ने सम्मिलित होकर अपने इष्टदेव के भजनों पर स्वयं को झूमनें से नही रोक पायें। भक्ति संध्या के मुख्य अतिथि महापौर चन्द्रसिंह कोठारी सहित मनोजजी शोभावत, प्रवीण रतलिया, कमल हिंगड़, दिलकुश कावड़िया, हस्तीमल लोढ़ा, पारसमल लोढ़ा एवं समाजसेवी डी.सी. जैन एवं कार्यक्रम अध्यक्ष चित्तौड़गढ़ पुलिस अधीक्षक प्रसन्न खमेसरा थे।
संस्था के नितिनजी नागौरी ने बताया कि भक्ति संध्या का शुभारंभ मस्तमौला व्यक्तित्व के धनी संगीतकार विपिन पोरवाल-बैंगलोर ने नमस्कार महामंत्र के साथ किया। उसके बाद उनकी एक के बाद एक बेहतरीन प्रस्तुति ने भैरव भक्तों को झूमनें एवं नाचने पर मजबूर कर दिया। भक्ति संध्या में नाकोड़ा पाश्र्वनाथ एवं नाकोड़ा भैरव देव की १०८ दीपकों से महाआरती की गई तथा सभी भक्तों को अभिमंत्रित रक्षापोटली वितरीत की गई। कार्यक्रम में विराजित श्री नाकोड़ा भैरवजी की प्रतिमा की हीरे-जवाहरात से सुसज्जित नयनाभिराम भव्य एवं आकर्षक अंगरचना की गई थी। कार्यक्रम में विशेष रूप से श्री नाकोड़ा पूर्णिमा मंडल द्वारा सभी भैरव भक्तों से आह्वान किया गया कि सर्दी से बचाव में काम आने वाले घर में रखे अनुपयोगी वस्त्र आदि का मंडल को दान करें ताकि उन वस्त्रों को बाद में जरूरतमंद गरीबों को दिये जाएँ, जिससे पुण्य का उपार्जन हो और किसी की मदद भी हो जाये। कार्यक्रम को सफल बनाने में मंडल के सभी सदस्यों का सराहनीय सहयोग रहा।

राजस्थान के गाँवो को स्मार्ट विलेज बनाने के लिए जल्द ही खुलेंगे कस्टम हायरिंग सेंटर

 
जयपुर/गोडवाड ज्योती: राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जयपुर में ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट २०१६ के दौरान किसानों को खेती की नवीनतम तकनीक से जोडऩे की महत्वाकांक्षी योजना के तहत प्रदेश की सभी पंचायत समितियों में कृषि उपकरण केन्द्र (कस्टम हायरिंग सेंटर) खोलने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में कृषि आधुनिकीकरण करना चाहती है, जिसके लिए किसानों और कृषि क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों को एक साथ आना होगा। वसुंधरा ने कहा कि कस्टम हायर केन्द्रों के जरिए किसानों को किराये पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। इन केन्द्रों को उपलब्ध कृषि यंत्रों की एडवांस बुकिंग के लिए इन्टरनेट और टोल-फ्री फोन सुविधा से जोड़ा जाएगा। अगले तीन साल में २,६५२ ऐसे केन्द्र खोले जाएंगे जिनके माध्यम से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने राज्य में कृषि, आयुर्वेद और मेडिकल ट्यूरिज्म के क्षेत्र में निवेश एवं रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए ‘राजस्थान औद्योगिक प्रोत्साहन योजना-२०१४’ (रिप्स) के अंतर्गत विभिन्न अनुदान, लाभ और करों में छूट देने की घोषणा की। राजे ने कृषि प्रसंस्करण एवं विपणन की ऐसी इकाइयों के लिए कन्वर्जन फीस में शत-प्रतिशत छूट की घोषणा की, जिनके प्रोजेक्ट राजस्थान कृषि प्रसंस्करण एवं कृषि विपणन प्रोत्साहन नीति-२०१५ के अंतर्गत ३१ मार्च, २०१९ से पहले स्वीकृत हो जाएंगे। मुख्यमंत्री ने मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने की भी घोषणा घोषणा की।
इससे पूर्व राज्य के राज्यपाल कल्याण सिंह ने कहा कि जमीन घट रही है और आबादी बढ़ रही है। खेतों की उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने पर काम होना चाहिए। केन्द्र सरकार स्मार्ट सिटी की योजना लाई है, जब तक गांव स्मार्ट विलेज नही बनेंगे, तब तक स्मार्ट सिटी का कोई फायदा नही है। विशेषज्ञ और सरकार इस पर सोचे और काम करें कि किसान की आमदनी २०२२ तक दो गुनी कैसे हो? खेतों में काम मिलने लग गया तो गांवों से शहरों की तरफ होने वाला पलायन रुकेगा। समारोह में केन्द्रीय राज्यमंत्री पुरूषोतम रूपाला, राजस्थान के कृषि मंत्री प्रभू लाल सैनी ने भी संबोधित किया।

मोदी-मंत्र ने बदल डाला मनी मार्किट का माहौल

नई दिल्ली/गोडवाड ज्योती: काले धन पर लगाम कसने और जमाखोरों के खिलाफ कदम बढ़ाते हुए मोदी सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था से संबन्धित एक अहम फैसला लिया, जिसके तहत ९ नवंबर से ५०० और १००० रुपये के नोट बंद कर दिये गए और जो नोट लोगों के पास मौजूद हैं वो अब बाज़ार में किसी प्रकार से नही चलाये जा सकेंगे। देश को संबोधित करते हुए उन्होंने घोषणा की कि आज मध्यरात्रि यानी ८ नवंबर २०१६ की रात १२ बजे से वर्तमान में जारी ५०० रुपए और एक हजार रुपए नोट कानूनन अमान्य होंगी।
माननीय मोदीजी को यह सुझाव पुणे की इकोनॉमिक एडवाइजरी संस्था इंजीनियर और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की संस्था अर्थक्रांति प्रपोजल ने दी, जिसे संस्थान ने पेटेंट कराया है। संस्थान का दावा है कि यह प्रपोजल ब्लैकमनी, मंहगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, रिश्वतखोरी, आतंकियों की फंडिंग रोकने में पूरी तरह कारगर होगा। फस्र्टपोस्ट की खबर के मुताबिक करीब डेढ़ साल पहले मेकेनिकल इंजीनियर बोकिल अपने डेलिगेशन के साथ प्रपोजल लेकर राहुल गांधी से भी मिलने गए थे लेकिन घंटों सिक्युरिटी चेक के बाद राहुल ने उन्हें सिर्फ १०-१५ सेकेंड का वक्त दिया था। ब्लैक कैट कमांडो ने उन्हें प्रपोजल वाली सीडी साथ लेकर जाने की भी इजाजत नही दी थी। उन्हें सीडी में ऐसा कोई प्रपोजल नही होने का भी शक था। तब राहुल ने सिर्फ इतना कहा था कि प्लीज आप डॉ. मोहन गोपाल से मिल लें, हम पहले इसे देखेंगे। गोपाल राजीव गांधी फाउंडेशन के डायरेक्टर थे। बोकिल को मोदी से मुलाकात के लिए सिर्फ ९ मिनट का वक्त दिया गया था लेकिन बड़े नोट बंद करने का प्रपोजल जानने के बाद उन्होंने इसमें इंटरेस्ट दिखाया और पूरे २ घंटे तक चर्चा की।
इस फैसले के बाद से कई लोगों ने जिनमें नेता, अभिनेता और प्रसिद्ध हस्तियों के लगातार अपनी राय व विचार सामने रखें पर जो सवाल सबसे ज़रूरी है, वह ये कि आम इंसान कैसे जानें कि अब इन नोटों का क्या होगा और कैसे वे अपने पास पड़े नोटों को बैंक में जमा कर अपना रुपया अपने पास सुरक्षित करें? हममें से कई लोग आज भी कैश भुगतान द्वारा खरीददारी करते है। ऐसे में सरकार की तरफ से अचानक लिया गया यह फैसला कई लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।कई लोगों के पास सही जानकारी न होने की वजह से भी इन नोटों के प्रति चिंता और तनाव कि स्थिति बन गयी है और लोग सोच रहे हैं कि अब हम अपने पास रखें इन नोटों का क्या करें? पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्‍ट्र के नाम संबोधन में ५०० और १००० के नोट मंगलवार आधी रात से अमान्‍य संबंधी घोषणा करने के साथ ही कहा कि मौजूदा इन नोटों को लेकर परेशान होने की जरूरत नही है। अगले ५० दिनों तक इन नोटों को बैंकों और डाकघरों में जमा कराया जा सकता है।

Sunday, 20 November 2016

फाम द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वित्तमंत्री मेघवाल ने की जीएसटी 'एक देश-एक टैक्स' प्रणाली की सराहना

मुंबई/गोडवाड ज्योती: फैडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र (फाम) द्वारा जीएसटी विषयक परिचर्चा तथा सम्मान समारोह का आयोजन नरीमन प्वाइंट स्थित यशवंतराव चव्हाण सभागार में किया गया, जिसमें केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने व्यापारियों को भरोसा दिलाया है कि केंद्र सरकार व्यापारियों के साथ भागीदारी की तर्ज पर विकास पथ पर प्रशस्त होने की दिशा में आगे बढ़ रही है और इसमें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रदेश की साढ़े सात सौ व्यापारिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पाेरेट मामलों के राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि जीएसटी लागू होने के साथ ही देश भर के व्यापारी एक नेटवर्क से जुड़ जाएंगे और व्यापारियों का विभिन्न सरकारी अधिकारियों से सीधा सरोकार मिट जाएगा। इससे समूचे व्यापारिक जगत को राहत मिलेगी। मेघवाल ने कहा कि सरकार जीएसटी से जुड़ी जानकारियों को लेकर देश भर में परामर्श केन्द्र स्थापित करने की दिशा में भी गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है। इन केन्द्रों पर इस टैक्स के संबंध में सूचनाएं प्राप्त करने, रिटर्न भरने, रिफंड लेने सहित अनेक सुविधाएं व्यापारियों को एक ही छत के नीचे मुफ्त मिल सकेगी। साथ ही सरकार एक साल तक प्रायोगिक तौर पर शुरू की जाने वाली इस व्यवस्था का मूल्यांकन करने के बाद स्थाई व्यवस्था कायम करने की दिशा में आगे बढ़ेगी। जीएसटी 'एक देश-एक टैक्स' की अवधारणा पर आधारित राष्ट्र की एक ऐसी कर प्रणाली है, जो कि आने वाले समय में सार्वजनिक हिताय के आदर्श पर खरी उतरेगी।
वित्त राज्य मंत्री ने उपस्थित व्यापारिक संघों के प्रतिनिधियों की जीएसटी संबंधित अनेक समस्याएं सुनी तथा उनका मौके पर ही निराकरण किया। मेघवाल ने फाम के पांच सेवा संकल्पों की सराहना की तथा उनके 'आर्बिट्रेशन' (पंचाट निर्णय) संबंधित कार्य के लिए हर संभव सहयोग उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया। कार्यक्रम को महाराष्ट्र शासन के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री गिरीश बापट, महाराष्ट्र विधानसभा के मुख्य सचेतक एवं कुलाबा विधायक राज के. पुरोहित सहित फाम के अध्यक्ष विनेश गोयल, महासचिव आशीष मेहता ने वित्त राज्य मंत्री का शॉल ओढ़ाकर एवं स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मान किया गया। समारोह का संचालन प्रशांत राव ने किया।

दीपावली के अवसर पर बाड़मेर में भी हुआ नेकी की दीवार का शुभ शुभारम्भ

बाड़मेर/गोडवाड ज्योती: इंड़िया अगेंस्ट वॉयलेंस एवं मिशन चिल्ड्रन वेलफेयर की ओर से दीवाली के पावन अवसर पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आवासीय छात्रावास की दीवार को नेकी की दीवार का रूप देकर जरूरतमंद, गरीब वंचित वर्ग के लोगों को निःस्वार्थ भाव से मुफ्त कपड़े उपलब्ध करवाने की मुहिम का आगाज किया गया। नेकी की दीवार का मूल है कि ‘अधिक हो तो रख जाये, जरूरत हो तो ले जायें’। नेकी की दीवार का उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अतिरिक्त जिला कलेक्टर ओपी बिश्नोई, अध्यक्षता नाकोड़ा जैन तीर्थ ट्रस्टी वीरचंद वड़ेरा ने युवा साथियों की उपस्थिति में नेकी की दीवार का कवर हटा कर किया। तत्पश्चात उपस्थिति युवा साथियों ने नेकी की दीवार पर कपड़े टांगकर अभियान का आगाज किया। इस अवसर पर गाडोलिया लौहार बस्ती के बच्चों को कार्यक्रम में ही कपड़े बांटे। नये वस्त्रों को पाकर इन वंचित बच्चों के चेहरे पर धन्यवाद की मुस्कान नजर आने लगी। वहीं यहां मोहल्लेवासी भी अभियान में जुटते नजर आये। इस मौके पर उपस्थित गणमान्यों ने कहा कि नेकी की दीवार बाड़मेर जिले के लिए अनूठी पहल है। साथ ही छात्रावास के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि जो भी गरीब एवं जरूरतमंद बच्चे पढ़ना चाहते हैं, उन्हें डॉ. कलाम छात्रावास की ओर से निःशुल्क शिक्षा प्रदान करवाई जायेगी।
साथ ही संस्था द्वारा जूना किराडू मार्ग स्थित चिन्दरियों की जाळ के पास भी जरूरतमंद, गरीब व वंचित वर्ग के लोगों को निःस्वार्थ भाव से मुफ्त कपड़े उपलब्ध करवाने की मुहिम को लेकर महावीर जिनालय अध्यक्ष प्रकाशचन्द सेठिया और संयोजक मुकेश बोहरा अमन ने नेकी की दीवार का उद्घाटन साध्वीश्री प्रशान्तगुणाश्री जी म.सा. से मंगलाचरण श्रवण कर किया।

शॉवर और सेंट्रलाइज कूलिंग सिस्टम आदि अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण है ११७ साल पुरानी गौशाला

झुंझनु/गोडवाड ज्योती: राजस्थान के झुंझुनू में ११७ साल पुरानी गौशाला अपने आप में अनूठी है। संभवतः यह देश की पहली ऐसी गौशाला है, जहां गायों के नहाने के लिए शॉवर स्ट्रीट (फव्वारा सिस्टम) लगाया गया है। इसके एक छोर में गाय घुसती हैं और नहाती हुई दूसरी तरफ निकल जाती है। दिन में दो बार प्रेशरयुक्त पानी से इनकी सफाई होती है। गायों के रहने के स्थान पक्के हैं, जिनमें दिन भर भजनों की धुन बजती रहती है। साथ ही गायों को गर्मी से बचाने के लिए सेंट्रलाइज कूलिंग सिस्टम लगा हुआ है और ८० सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं।
गौशाला में वर्तमान में करीब १००० गाय हैं, जिनमें से १६० गाय दूध देती हैं। गौशाला को इनसे सालाना सवा करोड़ रुपए की आय होती है और इन पशुधन का रोजाना मल-मूत्र गौशाला के खेतों में पहुंचा दिया जाता है। भविष्य में गौशाला में गायों के अंतिम संस्कार के लिए विद्युत चलित मशीन लगाने और बारिश का पानी एकत्रित करने के लिए वॉटर टैंक बनाये जाने की योजना है। साथ ही सौर ऊर्जा प्लांट लगाने और गौशाला को पर्यटन विभाग से जोड़ने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। देश की किसी भी कोने में बैठकर वेबसाइट के जरिये गौशाला की गतिविधियां ऑनलाइन देखी जा सकती है।

*सरसी में लोकसन्तश्री की निश्रा में धूमधाम से हुई श्री कुंथुनाथ जिनालय की प्रतिष्ठा*

सरसी नगर_में शनिवार सुबह शुभ मुहूर्त में बैण्डबाजों, ढोल और शहनाई की गूंज के बीच हजारों पुण्यशालियों की उपस्थिति में लोकसन्त, आचार्य, गच्छाधिपति श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. की निश्रा में श्री कुंथुनाथ जिनालय की प्राण प्रतिष्ठा की गई। जिनालय में श्री कुंथुनाथ परमात्मा के साथ गणधर गौतमस्वामी एवं श्री राजेन्द्र सूरि बिम्ब की प्रतिष्ठा हुई । लोकसन्तश्री ने इस मौके पर कहा कि प्रभु प्रतिष्ठा ने सरसी की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है । पिछले 30 वर्षों की प्यास को बुझाने वाली यह प्रतिष्ठा सभी को सुख-शांति एवं प्रसन्नता प्रदान करने वाली होगी।
लोकसन्तश्री ने प्रतिष्ठा पश्चात आशीर्वचन में कहा कि वर्षा होते ही किसान का श्रम, परिणाम आते ही विद्यार्थी का श्रम और स्वस्थ होते ही डॉक्टर का श्रम सार्थक होता है, ऐसे ही परमात्मा की प्रतिष्ठा होते ही हमारे हृदय के भाव का श्रम सार्थक हो जाता है। वर्षों की कामना पूर्णता से परिणमित हो जाती है। साथ ही पानी से जैसे प्यास और भोजन से भूख मिटती है, वैसे ही प्रभु प्रतिष्ठा के साथ अन्तर्मन की अभिलाषारुपी प्यास मिट जाती है। प्रभु के प्रति हमारी निष्ठा ही प्रतिष्ठा के रुप में हमारी भावनाओं को फल देती है। इस प्रतिष्ठा महोत्सव से सरसी गौरवशाली क्षेत्र बन गया है। ग्राम की कीर्ति दूर-दूर तक फैलेगी।
धर्मसभा को आलोट विधायक जितेन्द्र गेहलोत, जावरा नपा अध्यक्ष अनिल दसेडा ने भी संबोधित किया। लोकसन्तश्री को काम्बली ओढ़ाने का लाभ डांगी परिवार ने लिया । प्रारम्भ में सरसी जैन श्रीसंघ द्वारा प्रतिष्ठा महोत्सव में आए सभी अतिथियों का स्वागत किया गया। श्रीसंघ द्वारा नगर चौरासी का आयोजन भी किया गया।
सरसी की भक्ति में दम - मुनिराजश्री
मुनिराजश्री निपुणरत्न विजयजी म.सा. ने कहा कि सरसी गांव दिखने में बहुत छोटा है, लेकिन प्रतिष्ठा करके श्रीसंघ ने यह साबित कर दिया है कि वह दिखने में भले ही कम है, लेकिन उसकी भक्ति में बड़ा दम है । इसी कारण इतना बड़ा कार्य करने में सब सफल हुए हैं। गुरुकृपा से बड़े से बड़े कार्य सहज हो जाते हैं । उन्होंने कहा कि किसी वस्तु या व्यक्ति का कद और रंग देखकर उसका, शक्ति का मापदण्ड नहीं हो सकता । माप और मूल्यांकन में बहुत अन्तर होता है। भगवान नेमिनाथ, कृष्ण, अनुपमादेवी का वर्ण काला था, फिर भी वे गुणवान थे। कस्तुरी भी काली होती है, लेकिन बहुत कीमती होती है। यही बात ग्राम सरसी पर भी लागू हो रही है। *सरसी नगर से ब्रजेश बोहरा नागदा

गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए करेंगे २४ हजार कि‍मी पैदल यात्रा

मुंबई/गोडवाड ज्योती: हमारे देश में या फिर कहें कि पूरी दुनिया में लोग अलग-अलग मुद्दों और फायदों को देखते हुए मुहिम चलाते हैं। उन्हें आगे बढ़ाते हैं और निजी स्तर पर प्रसिद्धि कमाते हैं लेकिन इन निजी प्रसिद्धियों के बीच कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपना सर्वस्व समाज और दुनिया की बेहतरी में लगा देते हैं। प्रिंस तिवारी भी एक ऐसे ही शख्सियत का नाम है। वे १४ नवंबर (बाल दिवस) के दिन पूरे भारत में २४,००० किलोमीटर की पदयात्रा पर निकलने वाले हैं। वे अभी महज २३ साल के हैं और १२० दिन की इस पदयात्रा में स्कूलों के लिए फंड जुटाएंगे। ऐसा हम अपने आस-पास हमेशा देखते रहते हैं कि ऐसे किसी भी मामले में कर्ता किसी रिकॉर्ड बुक का हिस्सा होना चाहता है। हालांकि यहां वे ऐसा कुछ भी नही चाहते। प्रिंस साल २०१४ के ग्रेजुएट हैं और २३ साल की उम्र में चार्टर्ड अकाउंटेंट की नौकरी भी छोड़ चुके हैं। इसके अलावा वे एक गैर-सरकारी संगठन भी चला रहे हैं। वे झुग्गी-झोपडियों में रहने वाले २४ बच्चों को कांदिवली के सेमी अंग्रेजी मीडियम में पढ़ा रहे है। अब वे ८६ बच्चों को पढ़ा रहे हैं। वे उनकी स्कूल फीस, स्टेशनरी, किताबें और यूनिफॉर्म समेत एक समय के भोजन का भी खर्चा उठाते है।
प्रिंस आगे कहते हैं कि स्टूडेंट्स जिस रफ्तार से बढ़ रहे हैं फंड नही आ रहा। ऐसे कई संगठन हैं, जो स्वच्छ भारत अभियान की आड़ में इस पूरे इलाके को साफ करना चाहते हैं। ऐसे में सारी झुग्गियां खत्म हो सकती हैं। उनके स्टूडेंट्स हमेशा किन्हीं स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों में फंसे रहते हैं। वे एक ऐसा स्कूल बनाना चाहते हैं, जहां स्टूडेंट्स अपने परिवार के साथ रह सकें। वहीं ऑर्गेनिक फार्मिंग करें और सबके लिए भोजन की व्यवस्था करें। उनके माता-पिता उनकी इस मंशा से अवगत नही हैं मगर वे उम्मीद करते हैं कि हर बार की तरह वे इस बार भी उन्हें नही रोकेंगे। वे अगले साल १४ फरवरी को वापस मुंबई लौटेंगे।

Saturday, 19 November 2016

नोटबंदीः 4 घंटे लाइन में खड़ा रहा, हाथ आए 20 हजार के सिक्के

नई दिल्ली
500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने के फैसले के 11 दिन बाद भी बैंक और ATM पर लाइनें लगी हैं। कुछ लोग जहां 2000 का नोट हाथ लगने से छुट्टे के चक्कर में परेशान हैं, वहीं दिल्ली के जसोला के रहने वाले इम्तियाज के साथ इसका उल्टा हुआ। 20 हजार रुपये लेने के लिए करीब चार घंटे लाइन में लगने के बाद इम्तियाज को यह रकम मिली तो, लेकिन 10-10 रुपये के सिक्कों के रूप में। लाइन में इतने घंटे खड़े रहने के बाद इम्तियाज के पास ये सिक्के कंधे पर लादकर घर ले जाने के सिवा कोई चारा नहीं था।
इम्तियाज एक पब्लिक रिलेशंस कंपनी में काम करते हैं। वह जसोला के जामिया को-ऑपरेटिव बैंक से कुछ रुपये निकालने गए थे, लेकिन कैश की कमी के चलते उन्हें 20 हजार रुपये का भुगतान 10 रुपये के सिक्कों के रूप में किया गया। इन 10-10 रुपये के सिक्कों का वजन 15 किलो था। बता दें कि नोटबंदी के बाद बैंक से एक हफ्ते में 24 हजार रुपये निकाले जा सकते हैं।
इम्तियाज ने बताया, 'मैं 4 घंटे से बैंक में लाइन में लगा हुआ था। बैंक में कैश की कमी हो गई थी। बैंक मैनेजर ने मुझसे पूछा कि क्या मैं 10-10 रुपये के सिक्कों में भुगतान ले सकता हूं? मैंने सोचा कि लाइन में फिर से खड़ा होने से अच्छा है कि सिक्कों में ही पैसे निकाल लूं। मुझे ऑफिस के काम से गोवा जाना था और इसके लिए पैसे निकालना बहुत ज्यादा जरूरी था।'
उन्होंने बताया, 'मैं मैनेजर से लगातार अनुरोध करता रहा, जिसके बाद उन्होंने मेरे सामने यह पेशकश रखी थी। बैंक मैनेजर ने बताया कि RBI से बहुत ही कम पैसा बैंक में आ रहा है। उन्होंने मुझसे सिक्कों में 20 हजार रुपये लेने के लिए पूछा तो मैंने झट से हां कर दी। 15 मिनट में मेरे पास सिक्के आ गए, मैंने सिक्कों को बैग में रखा और कंधे पर बैग टांगकर घर वापस आ गया।'

जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में एनकाउंटर, एक आतंकी ढेर

श्रीनगर
जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। सुरक्षा बलों ने एक आतंकी को ढेर कर दिया है। सुरक्षा बलों को काकापुरा गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी की खबर मिली थी, जिसके बाद जवानों ने आतंकवादियों को घेर लिया। अभी दो और आतंकी हो सकते हैं। अभी भी दोनों ओर से फायरिंग जारी है। पुलिस और सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके की घेरेबंदी कर ली है।
गौरतलब है कि सितंबर में पीओके के भीतर आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से ही पाकिस्तान और आतंकी संगठन बौखलाए हुए हैं। पाकिस्तानी सेना भी बौखलाहट में बार-बार सीजफायर का उल्लंघन कर रही है। आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के मकसद से पाकिस्तानी सेना मोर्टार दाग रहे हैं। शनिवार को भी पाकिस्तान ने 6 घंटों के भीतर दो बार सीजफायर का उल्लंघन किया। रजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय चौकियों पर पाकिस्तान की तरफ से शनिवार सुबह मोर्टार दागे गए और छोटे हथियारों से गोलीबारी कर उन्हें निशाना बनाया।
रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया, 'पाकिस्तानी सेना ने सुबह साढ़े दस बजे नौशेरा सेक्टर में बिना किसी उकसावे के 120 एमएम के मोर्टार और छोटे हथियारों का इस्तेमाल कर संघर्षविराम उल्लंघन किया। पाकिस्तान की ओर से की जा रही गोलीबारी का हमारी सेना उचित जवाब दे रही है।' उन्होंने बताया कि घटना में किसी के भी हताहत होने या किसी भी संपत्ति को नुकसान पहुंचने की सूचना नहीं है, जबकि दोनों ओर से जवाबी गोलीबारी जारी है। गुरुवार को पाकिस्तानी सेना ने जम्मू जिले के पल्लनवाला सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय चौकियों और गांवों को भी निशाना बनाया था। मंगलवार को पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू कश्मीर के रजौरी में एलओसी के पास चार घंटों तक भारी गोलीबारी की थी।
जम्मू कश्मीर में एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे क्षेत्र में पाकिस्तान की ओर से संघर्षविराम उल्लंघन की 286 वारदातों की वजह से 2003 में दोनों देशों के बीच हुआ संघर्षविराम समझौता करीब-करीब निरर्थक हो गया है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए आतंकवादी लॉन्च पैड को ध्वस्त करने की घटना के बाद से 14 सुरक्षाकर्मियों सहित 26 लोग मारे गए हैं।

ज्यादा कैश जमा करने वाले 100 लोगों को भेजे गए नोटिस, 12 साल बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में इंस्पेक्टर राज को मंजूरी

मुंबई/इंदौर. नोटबंदी के बाद बैंकों में ज्यादा कैश जमा करने वालों को इनकम टैक्स (आईटी) डिपार्टमेंट ने नोटिस भेजने शुरू कर दिए हैं। देशभर में करीब 100 नोटिस भेजे जा चुके हैं। सिक्किम की राजधानी गंगटोक की एक कंपनी को ऐसा ही एक नोटिस भेजा गया है। कंपनी से ज्यादा कैश जमा करने पर जवाब मांगा गया है। बता दें कि गुरुवार को फाइनेंस मिनिस्ट्री ने भी बैंकों और पोस्ट ऑफिसों को नोटिफिकेशन जारी किया था। इसमें किसी अकाउंट में एक दिन में 50 हजार और नोटबंदी के लिए तय 50 दिनों में 2.5 लाख से ज्यादा जमा होने पर इसकी इन्फॉर्मेशन आईटी डिपार्टमेंट को देने को कहा था। 
देशभर में शुरू हो गई इन्क्वायरी…
- ऐसे करीब 100 नोटिस देशभर के अलग-अलग शहरों में भेजे गए हैं।
- ऑफिशियल्स ने बताया कि देशभर में इसकी इन्क्वायरी शुरू हो गई है।
- इनकम टैक्स के सेक्शन 133 (6) (इंफॉर्मेशन के लिए बुलाने का अधिकार) के तहत नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
- बैंकों ने आईटी डिपार्टमेंट को बताया था कि संबंधित खातों में 2.5 लाख से ज्यादा रकम जमा हुई है।
- आईटी ऑफिशियल्स ने बताया कि जमा रकम में गड़बड़ी की आशंका होने पर ही नोटिस भेजे जा रहे हैं।

25 नवंबर को दस्तावेजों के साथ बुलाया
- आईटी (इन्वेस्टिगेशन) सिलिगुड़ी ने ऐसा ही एक नोटिस गंगटोक की एक कंपनी को भेजा गया है।
- कंपनी से स्टेट बैंक ऑफ सिक्किम में जमा किए गए 4 लाख 51 हजार रुपए की रकम के बारे में जवाब मांगा गया है।
- 25 नवंबर तक सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ डिप्टी डायरेक्टर के सामने पेश होकर इनकम का सोर्स बताने को कहा गया है।
- इस नोटिस में कहा गया है कि अगर संबंधित शख्स (कंपनी) इनकम टैक्स के दायरे में है तो 2 साल का इनकम टैक्स रिटर्न भरना होगा।
5 सोसायटी ने को-ऑपरेटिव बैंकों में बदले 8 करोड़ रुपए
- नोटबंदी के एलान के बाद से ही आईटी डिपार्टमेंट रियल एस्टेट कारोबारियों और सोने-चांदी के थोक व्यापारियों के यहां सर्वे कर रहा है।
- माना जा रहा है कि लोगों ने बंद नोटों के रूप में जमा की गई अपनी ब्लैकमनी इन सेक्टर में लगाई है।
- टैक्स ऑफिशियल्स को-ऑपेरटिव बैंकों में भी ऐसी ही पड़ताल के लिए लगाए गए हैं।
- मैंगलोर में ऐसे ही एक केस में पाया गया कि पुराने नोटों के रूप में जमा आठ करोड़ रुपए की रकम पांच सोसायटियों ने को-ऑपरेटिव बैंकों से बदली है।
- डिपार्टमेंट ने हाल ही में सैकड़ों चैरिटेबल ट्रस्ट और धार्मिक संगठनों को भी नोटिस जारी किए हैं। ये सरकार से टैक्स में छूट पाते हैं।
- इन ट्रस्ट और संगठनों से उनके पास नोटबंदी के एलान से पहले और बाद के जमा कुल रकम का ब्योरा मांगा गया है।
अफसर किसी भी टैक्स पेयर को ले सकेंगे स्क्रूटनी में
- उधर, ब्लैकमनी को लेकर घेराबंदी करने के मकसद से केंद्र सरकार ने आईटी डिपार्टमेंट में 12 साल बाद फिर इंस्पेक्टर राज की छूट दे दी है।
- इनकम टैक्स ऑफिसर, असिस्टेंट और डिप्टी कमिश्नर अब किसी भी टैक्स पेयर की फाइल खुद ही स्क्रूटनी कर कमाई और खर्च का पूरा हिसाब मांग सकेंगे।
- इस बारे में सीबीडीटी ने 16 नवंबर को नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
- पहले कम्प्यूटर असेसमेंट स्क्रूटनी सिस्टम (कास) में रैंडम बेस पर सामने आने वाले केस की फाइल का ही असेसमेंट किया जाता था। नवंबर 2004 में 60 शहरों से इसकी शुरुआत की गई थी।
- आमतौर पर इस सिस्टम में 100 में से दो-तीन फाइल ही असेसमेंट में आती थीं।
- असेसमेंट ऑफिसर को किसी फाइल में गड़बड़ लगती थी तो डिपार्टमेंट के चीफ कमिश्नर या प्रिंसिपल कमिश्नर की मंजूरी लेकर ही उस फाइल को खोल सकता था।
- अब ऑफिसर को यह मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी। ऐसे में, वह अपने दायरे में आने वाले टैक्स पेयर में से वह किसी की भी फाइल की स्क्रूटनी कर सकेगा।
जनवरी से होगा जमकर इस्तेमाल
- सभी सीए इस नोटिफिकेशन को टैक्स पेयर्स के लिहाज से काफी मुश्किल वाला फैसला बता रहे हैं।
- वे 30 दिसंबर के बाद इसका जमकर इस्तेमाल होने की बात कह रहे हैं, क्योंकि उस दौरान बैंकों से भी आईटी डिपार्टमेंट को जानकारी मिल जाएगी कि किसने अपने खाते में ढाई लाख रुपए से ज्यादा जमा किए हैं। ऐसे में, अधिकारी किसी भी टैक्स पेयर से इसका हिसाब पूछ लेगा।

मालिक मेहरबान तो मातहत पहलवान

बहुत सारे लोग आज अपने आपको हीन, असमर्थ और नाकारा समझ बैठे हैं। खुद पर न इनका भरोसा रहा है, न इन पर औरों का। अपने आपको आत्महीन, निष्ठुर और निकम्मे मान बैठे लोगों की जिन्दगी दूसरों के भरोसे चल रही है और इस मामले में अपना देश दुनिया में अलग दिखता है जहाँ आदमी अपनी प्रतिभा या हुनर से खुद को इंसान नही मानता बल्कि मदारियों के डेरों में बंधे रहने वाले भालुओं, कुत्तों और दूसरे जानवरों की तरह पराश्रित रहता है या इनके दम पर बंदरिया उछल-कूद करता रहता है। वह जो कुछ करता है, दूसरों के दम पर। खुद अपने आप में बेदम है लेकिन जब कोई इन्हें अपना अनुचर या अंधभक्त मान लेता है अथवा ये किसी को अपना आका मान लिया करते हैं, उसके बाद इनमें जाने कहाँ से दम-खम आ जाता है। यही स्थिति उन मरियलों, निकम्मों और नाकाबिलों की है जो किसी न किसी की छाया पा जाते हैं फिर छायादार गुदगुदी घास पर उछल कूद करते हुए खुद को शावकों या शेर से कम नही समझते। जिस पेड़ की छांव में ये उछलकूद करते हैं, धींगामस्ती करते रहते हैं, किसी को कुछ कह देते हैं, किसी को क्या कह डालते हैं, छांव के सान्निध्य और अंधेरे का फायदा उठाकर क्या कुछ नहीं कर गुजरते, किसी से छिपा हुआ नही। कई बार पेड़ बेचारा ही बना रहता है, उसे नही मालूम होता था कि उसकी जड़ों की मखमली छाती पर बैठे उसके अपने मातहत क्या गुल खिला रहे हैं, कितनी जड़ें खोद रहे हैं, क्या अन्याय-अत्याचार ढा रहे हैं और बहुधा पेड़ को इनकी हर हरकत की खबर होती है मगर वह भी क्या करे, उसका भी अपना लम्बा-चौड़ा तना है, गहरे तक धंसी हुई जड़ें हैं।
फिर किसे अच्छा नही लगता वह सब कुछ, जिससे देह भी तृप्त होता है, दिमाग भी बाग-बाग होता रहता है और दिल के तो कहने ही क्या। मुफत में कोई सुकून मिलता रहे तो कौन होगा जो इस पर पहरे बिठाने की सोच भी सके। फिर आजकल ऎसे विश्वस्त लोग कहां मिलते हैं जो स्वामीभक्ति और वफादारी में किसी से कम नही होते। इस वफादारी का प्रतिफल पाना सभी का हक है, और स्वामीभक्ति में रमे हुए लोगों को पुरस्कार देते हुए प्रोत्साहित करते रहना ही उदारता का पहला अध्याय है। आजकल सभी जगह यही सब हो रहा है। या तो ‘‘उष्ट्राणां विवाहे .....’ वाली बात सिद्ध हो रही है अथवा एक-दूसरे के लिए जीने की बातें साकार हो रही हैं। सब एक-दूसरे की प्रशंसा और प्रशस्ति गान करते हुए भरमाते हुए आगे बढ़ना और प्रतिष्ठित होना चाहते हैं। कोई किसी के कंधे पर चढ़कर अपने कद को ऊँचा करने में भिड़ा हुआ है, कोई टांग खींचकर आगे आने के फेर में है, बहुत सारे हैं जिन्हें तलाश है उन मजबूत कंधों की जिन पर उनकी पालकियां स्थापित होकर विश्व विजय का सपना पूरा कर सकें। इसलिए अर्दली, चम्पीबाज, छड़ीदार और चँवर हिलाने वाले चंद लोग ही हैं जो बार-बार इन्हें दिखते हैं, इन्हें महान और अन्यतम बताते हैं और इन्हीं की जय-जयकार करते हुए यह प्रयास करते हैं कि बाहर का कुछ भी भीतर न आने पाए, जो कुछ सुनाई दे, दिखाई दे और अनुभव हो, वह सब कुछ अन्दर ही अन्दर का। ताकि उनके भ्रम बने रहें और साथ वालों का डेरा लम्बे समय तक कायम रहे और जिन्दगी भर नही तो कम से कम तब तक तो रहे ही जब तक कि इन साण्डों में कुछ दे पाने का माद्दा बना रहे, पॉवर का इस्तेमाल हो सके। कम से कम तभी तक का साथ बना रहे जब तक कि इन जर्सी गायों में दूध देने का समय बना रहे। बाद में जो होगा, देखा जाएगा। वैसे भी बिना पॉवर के आजकल कौन किसके साथ रहता है, लोग या तो चुप बैठ जाते हैं, पाला बदल लिया करते हैं अथवा अन्दरखाने कोई गुप्त समझौता ही कर डालते हैं। बेचारे कुछ बचे होंगे तो दर्शकों की तरह दूर रहकर तालियां बजाते रहकर हौसला अफजाई करते हैं अथवा मौन समर्थन देते हैं। कई बार तो लगता है कि जैसे मालिक और मातहतों में कोई फरक ही नही रहा, दोनों एक जैसी हरकतों पर आमादा हो जाते हैं। मालिक भुल जाते हैं अपनी प्रभुता और उतर आते हैं नीचता पर। उधर मातहतों को इतना सर चढ़ाये रखते हैं कि ये मालिक को दरकिनार कर खुद को मालिक समझते रहते हैं और जहाँ मौका मिलता है अपनी चाल चल लिया करते हैं। दोष किसी एक का नहीं माना जा सकता। जहाँ साहबों का वरदहस्त होगा वहाँ मातहतों की पहलवानी का चमत्कार दिखेगा ही दिखेगा।
इस मनोरंजन का ही परिणाम है कि हम अपने कामों को भूलते जा रहे हैं, कर्तव्यों को हाशिये पर बिठा दिया है और खुद उन्मुक्त, स्वच्छन्द और स्वेच्छाचारी होकर पूरे आसमान को नाप लेने के लिए मुक्त हैं। कौन किससे कहे और क्यों कहे, जब कही कुछ अन्तर रहा ही नहीं।

विरार में दीक्षार्थियों के भव्य वरघोडे व बहुमान कार्यक्रम के आयोजन में सभी हुए भावुक


विरार/गोडवाड ज्योती: श्री शीतल नगर श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ द्वारा मुंबई के नौ दीक्षार्थियों के भव्य वरघोडे का आयोजन किया गया। बैंड-बाजे के साथ सुसज्जित बग्घी में सवार संयम मार्ग को अंगीकार करने वाले भव्यात्मा विरार के सपरिवार दीक्षा लेने वाले राजेश शाह, फेंटाबेन, आयुष शाह, कालबादेवी के महेंद्र जयन्तिलालजी, मीना बेन, भायंदर के सार्थक कुमार, अर्थ कुमार, जस्मीन बेन, प्रियंका बेन की अनुमोदना हेतु भारी संख्या में भाविक उपस्थित थे। विरार जैन संघ द्वारा सभी मुमुक्षुओं का बहुमान कर अनुमोदना की गई। ज्ञात हो कि आगामी चार दिसंबर को प.पु. सुरिराम व सुरिशान्ति समुदाय में होने वाली सामूहिक ३९ दीक्षा में ये सभी मुमुक्षु आत्मा संयम मार्ग अंगीकार करेंगे। इस समुदाय में दो वर्ष पूर्व एक साथ ४५ दीक्षाएं भी हो चुकी हैं। यह जानकारी मितेश जैन द्वारा प्राप्त हुई।

भीषण सडक दुर्घटना में बिरामी गांव के गेहलोत परिवार के आठ लोगों का हुआ दर्दनाक निधन

सूरत/गोडवाड ज्योती: गुजरात में सूरत से सटे करजण इलाके में नेशनल हाईवे नंबर आठ पर दो कारों की भिड़ंत में पाली जिले के बिरामी गांव के एक ही परिवार के आठ लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में सूरत में हार्डवेयर व्यवसायी बिरामी निवासी श्यामलाल गहलोत के पुत्र-पुत्री परिवार के आठ लोग हैं। हादसे के वक्त श्यामलाल व उनकी पत्नी भी कार में थे लेकिन वे बाल-बाल बच गए। गहलोत परिवार दीवाली की छुट्टियां मनाने के बाद दो दिन पहले ही बिरामी गांव से पावापुरी दर्शन करते हुए सूरत के लिए निकले थे। इस दौरान करजण कस्बे के निकट हाईवे पर अचानक अनियंत्रित होकर कार डिवाइडर को पार करते हुए दूसरी दिशा में जाकर अन्य कार से टकराने के बाद पलट गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार करजण की शिवकृपा होटल के पास ओवरब्रिज के पास रात ९ बजे यह दुर्घटना हुई। इसमें वडोदरा की तरफ से सूरत जाने वाली फाच्र्यूनर कार के चालक का स्टियरिंग से नियंत्रण नही रहा, इससे उसकी कार पहले स्विफ्ट कार और उसके बाद दूसरी कार से टकरा गई। तेजी से जाती हुई कार अचानक ही दो वाहनों से टकराते हुए रांग साइड आ गई। इसस सामने से आने वाली लक्जरी बस से टकरा गई। दुर्घटना के बाद आस-पास के लोग वहां पहुंचे और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। ज्ञात हो कि इससे दो दिवस पूर्व ही अहमदाबाद के पास हुई सड़क दुर्घटना में पावागढ़ से दर्शन कर लौट रहे १४ दर्शनार्थियों की भी दर्दनाक मौत हो गई थी। इस सड़क हादसे की खबर से बिरामी गांव सहित सुमेरपुर में भी शोक की लहर छा गई। इस हादसे में श्यामलाल गहलोत के पुत्र विकास (२८), पुत्रवधू रिंकू (२७), पौत्र आरव (ढाई साल), पौत्री मिथी (चार माह) सहित कार में सवार श्यामलाल की पुत्री निशा संजय राठौड़ (३०), दोहिती परी (७) दोहित्रा युवराज (३) तथा रिश्तेदार कैलाश सोलंकी (२४) का भी दर्दनाक निधन हो गया। हादसे में उनके दामाद संजय राठौड़ भी गंभीर रूप से घायल है। इस हादसे में अन्य कार में सवार अहमदाबाद के व्यापारी सौरभ शाह की पत्नी झलक की मौत हो गई, जबकि सौरभ व उनकी पुत्री दिव्या गंभीर रूप से घायल है।

धार्मिक और समाजसेवा क्षेत्र में नए नोट की कितनी भूमिका

कोई भी कार्य या व्यवहार की शुरुआत से समापन तक पैसो की अहम भूमिका है अर्थात पैसो के बिना किसी आयोजन की कल्पना भी नही की जा सकती। अब ८ नवम्बर २०१६ से मोदीजी ने वर्तमान ५०० व १००० के नोट को बदलकर काले धन पर सफेदी पोतने का जो प्रयास किया है, उसमें कब और कितनी सफलता मिलती है ये तो समय ही बताएगा। पर ये प्रक्रिया किसी के लिए भी सहज नही क्योकि 'सफेदी पर तो पलक झपकते ही कालख रंग पकड़ लेती है पर कालख पर सफेदी को सजाना उतना सरल नही' अर्थात कभी प्रतिकूल परिस्तिथियां तो कभी धन के लालच ने उजले ईमान को बेईमान अंधेरो को सहज अपनाते देखा है पर बेईमान अंधेरो में मौज-मस्ती करने वालो को वापस उजाला रास नही आता। स्वेच्छा से या मज़बूरी से पर सरकारी नीति और कानून को मानना तो मज़बूरी हैं लेकिन आगे क्या?
इस सर्जिकल ऑपरेशन का हमारे इकनोमिक व्यवहार के साथ मानसिक व्यवहार और सोच को इतना भयभीत कर दिया है कि भविष्य में सामान्य व्यक्ति हजार रुपये भी कही खर्च करने से पहले सोचेगा। पहले जो पैसा था, उसको सरकार से छिपाना था, टैक्स भी नही भरना था तो उस पैसो को अपने नाम और शौहरत को बढ़ाने किसी भी धार्मिक और सामाजिक अवसर पर साफा-चुंदड़ी और तिलक लगवाकर सम्मानित होने में बेझिझक खर्च कर देता था। यही कारण था कि आडम्बर को सर्वत्र व्यापकता मिलती रही और आडम्बर समाज पर हावी हो गया था। पर अब इस आडम्बर के गुब्बारे की एक बार तो हवा निकल गयी। इस नवम्बर और दिसम्बर माह के बड़े-बड़े शादी-ब्याह व अन्य सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रम या तो रद्द हो गए हैं या सादगी से निपटाऐ जा रहे है। अब ये केवल आपातकालीन परिस्तिथि हैं या सदा के लिए समझदारी भरा चलन बन जायेगा, ये तो समय ही बताएगा। हाँ पर लोगो पर इस सर्जिकल परिस्थिति का गहरा असर अवश्य हुआ है। इस बात का अंदाजा आप हाल ही में नमक की अफवाह मात्र के प्रभाव को लेकर ही लगा ले। नमक बाजारों में २०० रु. प्रति किलो के भाव से बिका और लोगो ने जथ्थेबंध ख़रीदा भी। पर सभी शायद इतने सदमे में है कि समझ ही न पाये की नमक जैसी अति आवश्यक रोजमर्रा की वस्तु पर कोई प्रतिबन्ध या टैक्स कैसे लग सकता है? सारांश यही है कि हमारी मानसिकता और सरकारी नीतियां जिस बदलती परिस्तिथियों की ओर गमन कर रही है, वहां पर कमाने और खर्च करने की संपूर्ण व्याख्या ही बदल जाये। जमा पैसो, सोने या प्रॉपर्टी से धनवान बनकर दोनों हाथों से खर्च कर दानवीर कहलाना अब संभव नही, अब तो पारदर्शक व्यवहार और पसीने की कमाई से दान-पुण्य करने की मानसिकता होगी। बदली परिस्तिथियों में ऐसी मानसिकता समाज में कितनी पनपती है, उसके आधार पर सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र में आर्थिक आवक यानि इनकम होगी और उसी आधार पर कोई सामाजिक और धार्मिक आयोजन होगा। जैसे आज कई कार्यक्रम में उलट-फेर हुए है, भविष्य में ऐसा कुछ न हो, उसके लिए आडम्बर को नाबूद करना अनिवार्य है। जितनी सरलता और सहजता से कार्य करेंगे, नए नोट और नयी मानसिकता हमें उतना अधिक साथ देंगी।

स्वय्ंसिद्धा शेखावत

सलिल कण हूँ या पारावार हूँ मैं, स्वयं छाया, स्वयं आधार हूँ मैं।
भटकता खोजता हूँ, ज्योति तम में, सुना है ज्योति का आगार हूँ मैं।
मुझे क्या आज ही या कल झरुँ मैं, सुमन हूँ, एक लघु उपहार हूँ मैं।
कहूँ क्या कौन हूँ, क्या आग मेरी, बँधी है लेखनी, लाचार हूँ मैं।।

कवि दिनकरजी की कविता की पक्तियों से शुरुआत करके कहना चाहती हूँ कि आज की बहू-बेटियां हर क्षेत्र में अपना जौहर दिखा रही है। आज की नारी में काफी सकारात्मक बदलाव आया है। अब नारी महज रसोई तक सिमटी नही है, न ही वह भोग्या है। शौर्य की धरा के नाम से विभूषित राजस्थान में शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी नौकरियों में अपना डंका बजवाने के बाद यहाँ की वीर कुंवरियों ने अब सेना जैसे चुनौती भरे क्षेत्र में भी अपना दमखम दिखाने के लिए तैयार हो गई है। राजस्थान को शौर्य धरा इसलिए लिखा क्योंकि गौर करने वाली बात है कि फ़ौज में ज्यादातर सैनिक राजस्थानी हैं, जिसमें शेखावटी क्षेत्र से सेना में सबसे ज्यादा जवान कार्यरत हैं। यह लिखते हुए स्वयं को गौरवान्वित मानते हुए आपको बताना चाहती हूँ कि कुछ ऐसा उदाहरण पेश किया है राजस्थान के शेखावटी में झुंझुनूं जिले के धमोरा गांव की बेटी और गोडवाड के पाली के कस्बे खौड की बहु नवीना शेखावत ने, जो जिले की पहली महिला मेजर हैं।
इतिहास साक्षी रहा है कि युद्ध के मैदान में उपस्थित ना होकर भी राजस्थानी वीरांगनाओ ने अपना अदम्य योगदान प्रस्तुत किया है और वर्तमान में शिक्षा में आगे होने के साथ-साथ बेटियों के समान हक अभियान में कई जागरूकता आई है और यही कारण है कि राजस्थान की महिलाओं ने अपना हुनर और व्यक्तित्व विश्व के समक्ष एक मिसाल के रूप में प्रस्तुत किया है। वैसे तो सेना में अभी तक लड़कों का ही दबदबा रहा है लेकिन देश के लिए कुछ करने के जज्बे ने लड़कियों को फौज की नौकरी के लिए प्रेरित किया और सेना ने भी इन लड़कियों का दिल खोलकर स्वागत किया। इससे पहले हैदराबाद स्थित एयरफोर्स एकेडमी में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की मौजूदगी में तीनों महिला फाइटर पायलेट्स की पासिंग आऊट परेड हुई। फिर इंडियन एयरफोर्स की तीन महिला लड़ाकू विमान पायलटों को लड़ाकू विमान उड़ाने का दायित्व मिला। यह पहला मौका होगा जब भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान की कॉकपिट में कोई महिला बैठकर युद्ध के मैदान में लड़ी और वर्तमान में वायुसेना में करीब १५०० महिलाएं हैं, जो अलग-अलग विभागों में काम कर रही हैं। यानि सारांश यही है कि महिलाओं ने अपने दम पर अनेक क्षेत्रों में मिसालें कायम की हैं, ये तो चंद उदाहरण है। समय में बदलाव आने के साथ लोगो की सोच में भी काफी बदलाव आने लगा है। शिक्षा के विस्तार और समान अधिकार आदि के अभियान ने आधी आबादी कहे जानी वाली महिलाओं को सपना देखने और उस सपने को हकीकत करने की ठोस जमीन प्रदान की है। टीवी ने भी पुरानी सोच में बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। टीवी पर विज्ञापन आता है, जिसमें पिता अपने बेटे से कहता है कि अब तुम्हारे प्रमोशन के बाद पैसे बढ़ गए हैं तो बहू को बाहर काम करने की क्या जरूरत है? तब बेटा अपने पिता को जवाब देता है कि पापा, वो घर-खर्च चलाने के लिए काम नही करती है बल्कि उसे अच्छा लगता है इसलिए काम करती है। पीछे खड़ी बहु जब अपने पति की बात सुनती है तो उसका चेहरा दमकने लगता है। यह विज्ञापन हमारे समाज के बदले समय और नए नजरिए को बताता है कि महिला के काम करने का अर्थ सिर्फ पैसा कमाकर घर चलाना भर नही है वरण नौकरी का अर्थ है आत्मनिर्भरता, अपनी स्वायत्ता और स्वतंत्रता। आज से चालीस साल पहले औरत की नौकरी का अर्थ जरूर घर की जरूरतों को पूरा करना होता था, मगर अब नौकरी करने का अर्थ है अपनी शिक्षा का सही उपयोग, खुद का करियर और जरूरतों के लिए किसी के सामने हाथ न फैलाना है।
अंत में सिर्फ इस बात पर आप सभी का ध्यान आकर्षित करना चाहती हूँ कि यह जरूरी नही कि कोई भी नारी शक्ति खुले आसमान में उन्मुक्त होकर उड़ना चाहती है या अनकहे शब्दों को कलम के माध्यम से कागज पर उकेरकर अभिव्यत करना चाहती है। लड़कियां चाहे शहर की हों या गांव की, प्रतिभा सब में होती है। उन्हें जरूरत बस परिजन और समाज के थोड़े-से प्रोत्साहन मिलने की है, बाकि तो वें स्वयं इतनी सक्षम हैं कि शक्ति स्वरूपा को किसी सहायता की जरूरत नही....।

Friday, 18 November 2016

500 और 1000 के पुराने नोटों को रद्द करने के फैसले के बाद अब आपकी 'जेब' पर सरकार की नजर!

जयपुर/मुंबई 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को रद्द करने के फैसले के बाद अब सरकार लोगों की 'जेब' पर भी नजर रख सकती है। सरकार नकद निकासी, लेन-देन और कोई अपने पास कितना पैसा रख सकता है इसकी एक सीमा तय कर सकती है। यह सीमा कंपनियों के साथ आम लोगों पर भी लागू होगी।
वहीं दूसरी ओर नोटबंदी के चलते राजधानी जयपुर के बैंकों और एटीएम काउंटरों पर अब भी लंबी लाइनें लगी हुई हैं। अपने पुराने नोट बदलवाने और रुपए निकालने के लिए लोग घंटों लाइनों में लग रहे हैं। शहर के अधिकांश एटीएम काउंटरों में कैश जल्द खत्म हो रहा है, जिसके चलते कई बार लाइनों में लगे होने के बावजूद निराश लौट रहे हैं। आज से लोगों को साढ़े चार हजार की जगह सिर्फ दो हजार रुपए ही बैंकों से मिलेंगे।

तीन लाख हो सकती है नकद लेन-देन की सीमा

हाल में कुछ सीनियर टैक्स अधिकारियों और विशेषज्ञों से रुपयों की निकासी और लेन-देन की सीमा तय करने के बारे में राय ली गई थी। इंडस्ट्री पर नजर रखने वालों का कहना है कि ऐसा कदम उठाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार पूछा गया है कि नकद लेन-देन घटाने के बारे में एसआईटी के प्रस्ताव को क्या लागू किया जा सकता है?
इससे यह जानने की कोशिश हो रही है कि ऐसे कदम को लागू करने में किस तरह की समस्याओं या विरोध का सामना करना पड़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने इस साल जुलाई में सलाह दी थी कि नकद लेन-देन की सीमा तीन लाख रुपए और कैश होल्डिंग्स की लिमिट 15 लाख रुपये तय कर दी जाए।

काले धन के खिलाफ मोर्चा

सूत्रों के अनुसार ऐसे कदम का मतलब यह हो सकता है कि काले धन के खिलाफ लड़ाई का एक और मोर्चा खुल जाएगा और जीएसटी के साथ मिलाकर इसका बहुत असर पड़ेगा। सूत्रों के अनुसार सरकार अगले साल के बजट में ऐसा कदम उठाने पर विचार कर सकती है। सरकार सीबीडीटी या आरबीआई के सर्कुलर के जरिए भी इस बदलाव का ऐलान क सकती है।