Thursday, 17 November 2016

मीडिया में सरकार का दखल नहीं होना चाहिए, अभिव्यक्ति की आजादी अहम : मोदी


नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को प्रेस की आजादी का पुरजोर समर्थन किया, लेकिन वह बेरोकटोक लेखन के खिलाफ मीडिया को चेतावनी देते भी दिखे। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के उपलक्ष्य में राजधानी नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि प्रेस पर बाहरी नियंत्रण समाज के लिए अच्छा नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा, आजादी...अभिव्यक्ति की आजादी का पालन किया जाना चाहिए, लेकिन सीमा का होना भी जरूरी है... बिल्कुल उस मां की तरह, जो अपने बच्चों को ज्यादा खाने से रोकती है।

उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी कहा करते थे कि बेरोकटोक लेखन से बहुत बड़ा संकट पैदा हो सकता है। उन्होंने कहा, महात्मा गांधी ने कहा था कि अनियंत्रित लेखन से बहुत बड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि बाहरी दखलअंदाज़ी से पहाड़ टूट पड़ेगा। सो, बाहर से इसे (मीडिया को) नियंत्रित करने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार को मीडिया के कामकाज में दखलअंदाज़ी नहीं करनी चाहिए, लेकिन यह भी कहा कि यह मीडिया की भी ज़िम्मेदारी है कि वह वक्त के साथ बदलता रहे।

उन्होंने कहा, सरकार को किसी तरह की दखलअंदाज़ी नहीं करनी चाहिए। यह सच है कि आत्म-निरीक्षण करना आसान नहीं होता। यह प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) और प्रेस से जुड़े लोगों की ज़िम्मेदारी है कि देखें कि वक्त के साथ क्या बदलाव लाया जा सकता है। बाहरी नियंत्रण से चीज़ें नहीं बदला करती हैं। बिहार में दो पत्रकारों की हत्याओं के हालिया मामलों का ज़िक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कोई भी मौत चिंताजनक होती है, लेकिन पत्रकारों को सिर्फ इसलिए जान गंवानी पड़ रही है, क्योंकि वे सच को उजागर कर रहे हैं, इससे मामला और भी गंभीर हो जाता है।

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