Saturday, 19 November 2016

ज्यादा कैश जमा करने वाले 100 लोगों को भेजे गए नोटिस, 12 साल बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में इंस्पेक्टर राज को मंजूरी

मुंबई/इंदौर. नोटबंदी के बाद बैंकों में ज्यादा कैश जमा करने वालों को इनकम टैक्स (आईटी) डिपार्टमेंट ने नोटिस भेजने शुरू कर दिए हैं। देशभर में करीब 100 नोटिस भेजे जा चुके हैं। सिक्किम की राजधानी गंगटोक की एक कंपनी को ऐसा ही एक नोटिस भेजा गया है। कंपनी से ज्यादा कैश जमा करने पर जवाब मांगा गया है। बता दें कि गुरुवार को फाइनेंस मिनिस्ट्री ने भी बैंकों और पोस्ट ऑफिसों को नोटिफिकेशन जारी किया था। इसमें किसी अकाउंट में एक दिन में 50 हजार और नोटबंदी के लिए तय 50 दिनों में 2.5 लाख से ज्यादा जमा होने पर इसकी इन्फॉर्मेशन आईटी डिपार्टमेंट को देने को कहा था। 
देशभर में शुरू हो गई इन्क्वायरी…
- ऐसे करीब 100 नोटिस देशभर के अलग-अलग शहरों में भेजे गए हैं।
- ऑफिशियल्स ने बताया कि देशभर में इसकी इन्क्वायरी शुरू हो गई है।
- इनकम टैक्स के सेक्शन 133 (6) (इंफॉर्मेशन के लिए बुलाने का अधिकार) के तहत नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
- बैंकों ने आईटी डिपार्टमेंट को बताया था कि संबंधित खातों में 2.5 लाख से ज्यादा रकम जमा हुई है।
- आईटी ऑफिशियल्स ने बताया कि जमा रकम में गड़बड़ी की आशंका होने पर ही नोटिस भेजे जा रहे हैं।

25 नवंबर को दस्तावेजों के साथ बुलाया
- आईटी (इन्वेस्टिगेशन) सिलिगुड़ी ने ऐसा ही एक नोटिस गंगटोक की एक कंपनी को भेजा गया है।
- कंपनी से स्टेट बैंक ऑफ सिक्किम में जमा किए गए 4 लाख 51 हजार रुपए की रकम के बारे में जवाब मांगा गया है।
- 25 नवंबर तक सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ डिप्टी डायरेक्टर के सामने पेश होकर इनकम का सोर्स बताने को कहा गया है।
- इस नोटिस में कहा गया है कि अगर संबंधित शख्स (कंपनी) इनकम टैक्स के दायरे में है तो 2 साल का इनकम टैक्स रिटर्न भरना होगा।
5 सोसायटी ने को-ऑपरेटिव बैंकों में बदले 8 करोड़ रुपए
- नोटबंदी के एलान के बाद से ही आईटी डिपार्टमेंट रियल एस्टेट कारोबारियों और सोने-चांदी के थोक व्यापारियों के यहां सर्वे कर रहा है।
- माना जा रहा है कि लोगों ने बंद नोटों के रूप में जमा की गई अपनी ब्लैकमनी इन सेक्टर में लगाई है।
- टैक्स ऑफिशियल्स को-ऑपेरटिव बैंकों में भी ऐसी ही पड़ताल के लिए लगाए गए हैं।
- मैंगलोर में ऐसे ही एक केस में पाया गया कि पुराने नोटों के रूप में जमा आठ करोड़ रुपए की रकम पांच सोसायटियों ने को-ऑपरेटिव बैंकों से बदली है।
- डिपार्टमेंट ने हाल ही में सैकड़ों चैरिटेबल ट्रस्ट और धार्मिक संगठनों को भी नोटिस जारी किए हैं। ये सरकार से टैक्स में छूट पाते हैं।
- इन ट्रस्ट और संगठनों से उनके पास नोटबंदी के एलान से पहले और बाद के जमा कुल रकम का ब्योरा मांगा गया है।
अफसर किसी भी टैक्स पेयर को ले सकेंगे स्क्रूटनी में
- उधर, ब्लैकमनी को लेकर घेराबंदी करने के मकसद से केंद्र सरकार ने आईटी डिपार्टमेंट में 12 साल बाद फिर इंस्पेक्टर राज की छूट दे दी है।
- इनकम टैक्स ऑफिसर, असिस्टेंट और डिप्टी कमिश्नर अब किसी भी टैक्स पेयर की फाइल खुद ही स्क्रूटनी कर कमाई और खर्च का पूरा हिसाब मांग सकेंगे।
- इस बारे में सीबीडीटी ने 16 नवंबर को नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
- पहले कम्प्यूटर असेसमेंट स्क्रूटनी सिस्टम (कास) में रैंडम बेस पर सामने आने वाले केस की फाइल का ही असेसमेंट किया जाता था। नवंबर 2004 में 60 शहरों से इसकी शुरुआत की गई थी।
- आमतौर पर इस सिस्टम में 100 में से दो-तीन फाइल ही असेसमेंट में आती थीं।
- असेसमेंट ऑफिसर को किसी फाइल में गड़बड़ लगती थी तो डिपार्टमेंट के चीफ कमिश्नर या प्रिंसिपल कमिश्नर की मंजूरी लेकर ही उस फाइल को खोल सकता था।
- अब ऑफिसर को यह मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी। ऐसे में, वह अपने दायरे में आने वाले टैक्स पेयर में से वह किसी की भी फाइल की स्क्रूटनी कर सकेगा।
जनवरी से होगा जमकर इस्तेमाल
- सभी सीए इस नोटिफिकेशन को टैक्स पेयर्स के लिहाज से काफी मुश्किल वाला फैसला बता रहे हैं।
- वे 30 दिसंबर के बाद इसका जमकर इस्तेमाल होने की बात कह रहे हैं, क्योंकि उस दौरान बैंकों से भी आईटी डिपार्टमेंट को जानकारी मिल जाएगी कि किसने अपने खाते में ढाई लाख रुपए से ज्यादा जमा किए हैं। ऐसे में, अधिकारी किसी भी टैक्स पेयर से इसका हिसाब पूछ लेगा।

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