Monday, 21 November 2016

राजस्थान के गाँवो को स्मार्ट विलेज बनाने के लिए जल्द ही खुलेंगे कस्टम हायरिंग सेंटर

 
जयपुर/गोडवाड ज्योती: राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जयपुर में ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट २०१६ के दौरान किसानों को खेती की नवीनतम तकनीक से जोडऩे की महत्वाकांक्षी योजना के तहत प्रदेश की सभी पंचायत समितियों में कृषि उपकरण केन्द्र (कस्टम हायरिंग सेंटर) खोलने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में कृषि आधुनिकीकरण करना चाहती है, जिसके लिए किसानों और कृषि क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों को एक साथ आना होगा। वसुंधरा ने कहा कि कस्टम हायर केन्द्रों के जरिए किसानों को किराये पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। इन केन्द्रों को उपलब्ध कृषि यंत्रों की एडवांस बुकिंग के लिए इन्टरनेट और टोल-फ्री फोन सुविधा से जोड़ा जाएगा। अगले तीन साल में २,६५२ ऐसे केन्द्र खोले जाएंगे जिनके माध्यम से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने राज्य में कृषि, आयुर्वेद और मेडिकल ट्यूरिज्म के क्षेत्र में निवेश एवं रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए ‘राजस्थान औद्योगिक प्रोत्साहन योजना-२०१४’ (रिप्स) के अंतर्गत विभिन्न अनुदान, लाभ और करों में छूट देने की घोषणा की। राजे ने कृषि प्रसंस्करण एवं विपणन की ऐसी इकाइयों के लिए कन्वर्जन फीस में शत-प्रतिशत छूट की घोषणा की, जिनके प्रोजेक्ट राजस्थान कृषि प्रसंस्करण एवं कृषि विपणन प्रोत्साहन नीति-२०१५ के अंतर्गत ३१ मार्च, २०१९ से पहले स्वीकृत हो जाएंगे। मुख्यमंत्री ने मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने की भी घोषणा घोषणा की।
इससे पूर्व राज्य के राज्यपाल कल्याण सिंह ने कहा कि जमीन घट रही है और आबादी बढ़ रही है। खेतों की उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने पर काम होना चाहिए। केन्द्र सरकार स्मार्ट सिटी की योजना लाई है, जब तक गांव स्मार्ट विलेज नही बनेंगे, तब तक स्मार्ट सिटी का कोई फायदा नही है। विशेषज्ञ और सरकार इस पर सोचे और काम करें कि किसान की आमदनी २०२२ तक दो गुनी कैसे हो? खेतों में काम मिलने लग गया तो गांवों से शहरों की तरफ होने वाला पलायन रुकेगा। समारोह में केन्द्रीय राज्यमंत्री पुरूषोतम रूपाला, राजस्थान के कृषि मंत्री प्रभू लाल सैनी ने भी संबोधित किया।

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